Corona in Rajasthan: अस्पताल में बंद पड़े वेंटिलेटर को चालू करवाने को लेकर विधायक ने दी आत्मदाह की चेतावनी
जोगेश्वर गर्ग के इस ट्वीट को लेकर अब हलचल तेज हुई है। स्टाफ की दिक्कत के कारण यह वेंटिलेटर जिला अस्पताल में शुरू नहीं हो पाए हैं इसको लेकर के एक दिन पहले ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है 25 पदों पर भर्ती निकाली गई है
जोधपुर, जागरण संवाददाता। जोधपुर संभाग के जालौर जिले के विधायक जोगेश्वर गर्ग ने ट्वीट कर आत्मदाह की चेतावनी दी है। कोरोना महामारी के बीच अस्पतालों की लचर व्यवस्था और जिले की बदहाल चिकित्सा प्रणाली को लेकर बन्द पड़े वेंटिलेटर को लेकर विधायक ने यह ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने अब आत्मदाह को ही अंतिम विकल्प बताते हुए जिला कलेक्टर के सामने आत्मदाह की चेतावनी भरा ट्वीट किया है।
जोगेश्वर गर्ग ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "मेरी सारी ताकत और समझ काम में ले कर थक गया हूँ। नतीजा शून्य । कलेक्टर कार्यालय के आगे खड़े होकर आत्मदाह करना बाकी रह गया है। आप कहो तो वो भी कर दूं यदि कोई गारंटी ले कि उसके बाद ये वेन्टीलेटर चालू हो जाएंगे।" अपनी पीड़ा को बयान करते हुए जोगेश्वर गर्ग ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जुड़े कई लोगों को टैग किया है। राजस्थान सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को टैग करते हुए लिखा है कि जालौर के जिला अस्पताल में बंद पड़े इन वेंटीलेटर का उपयोग शुरू करवा दो। सरकार इस विषय पर न तो गम्भीर है न ही चिंतित।
केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों को टेक करते हुए गर्ग ने लिखा है कि यह वेंटिलेटर लगभग 1 साल पहले आ गए थे अधिकांश वेंटिलेटर पीएम केयर्स फंड से खरीद कर भारत सरकार द्वारा भेजे गए थे 12 वेंटिलेटर तत्कालीन जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के प्रयासों द्वारा दानदाताओं ने दिए थे लेकिन यह वेंटिलेटर अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं और लोग बेवजह मर रहे हैं इन को लेकर वर्तमान प्रशासन भी हाथ खड़े कर चुका है।
जोगेश्वर गर्ग के इस ट्वीट को लेकर अब हलचल तेज हुई है। हालांकि जिला प्रशासन के अनुसार स्टाफ की दिक्कत के कारण यह वेंटिलेटर जिला अस्पताल में शुरू नहीं हो पाए हैं इसको लेकर के एक दिन पहले ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और स्थानीय स्तर पर 25 पदों पर भर्ती निकाली गई है। उम्मीद है कि बड़ी जल्दी इन वेंटिलेटर उसको शुरू कर दिया जाएगा।
पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर संभाग के जालौर जिले के जालौर मुख्यालय स्थित जिलाअस्पताल में तकरीबन 14 से 15 वेंटिलेटर बंद अवस्था में है जिन्हें यहां स्थापित करना था लेकिन अन्य कारणों की वजह से यह आज दिनांक तक शुरू नहीं हो पाए हैं जिसके कारण जालोर आहोर रानीवाड़ा सांचौर से जुड़े कोरोना संक्रमण के मरीजों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। आखिरकार उन्हें जोधपुर रेफर किया जाता है जहां पहले से बड़े अस्पतालों में नो बेड की स्थिति है ऐसे में मरीज की मौत हो जाती है।