राजस्थान में उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का साइंस सेंटर

चालीस करोड़ की आएगी लागत अंतरिक्ष सौरमंडल खगोल एवं विज्ञान से जुड़ी जिज्ञासाओं और समाधानों का थ्रीडी प्रदर्शन। सुखाड़िया विश्वविद्यालय यहां लोक विरासत अध्ययन केंद्र भी विकसित करने जा रहा है। जहां लोक कलाओं और लोक संस्कृति का संरक्षण किया जाएगा।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 11:18 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 01:40 PM (IST)
राजस्थान में उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का साइंस सेंटर
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का साइंस सेंटर बनाया जाएगा।

उदयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का साइंस सेंटर बनाया जाएगा। चालीस करोड़ रुपए की लागत वाले इस सेंटर में अंतरिक्ष, सौरमंडल, खगोल एवं विज्ञान से जुड़ी तमाम जिज्ञासाओं और समाधानों का थ्रीडी प्रदर्शन किया जाएगा। लागत की 75 फीसदी राशि साइंस सेंटर के निर्माण जबकि पच्चीस फीसदी फंड इसके संचालन तथा रिजर्व में रखा जाएगा।

सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने बताया कि एकेडमिक कौंसिल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय एवं विज्ञान एवं तकनीकी विभाग को विज्ञान केंद्र का साइंस सेंटर का प्रस्ताव भेजा गया है। निर्माणाधीन साइंस सेंटर अपने तरीके का देश का सबसे अनोखा साइंस सेंटर होगा। जो विश्वविद्यालय की साढ़े सात एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा। इसकी स्थापना और विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर आर्थिक सहयोग करेगी। इसमें अंतरिक्ष, सौरमंडल, खगोल एवं विज्ञान से जुड़ी तमाम जिज्ञासाओं और समाधानों का थ्रीडी प्रदर्शन होगा, जिसे एक प्लेनिटोरियम की तरह विकसित किया जाएगा।

लोक विरासत अध्ययन केंद्र भी होगा विकसित

सुखाड़िया विश्वविद्यालय यहां लोक विरासत अध्ययन केंद्र भी विकसित करने जा रहा है। जहां लोक कलाओं और लोक संस्कृति का संरक्षण किया जाएगा। महाराणा कुंभा के कला संस्कृति में योगदान पर शोध करने के लिए एक मेवाड़ पीठ की स्थापना की जाएगी, जिसमें महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन से सहयोग लिया जाएगा।

एमएसडब्ल्यू कोर्स शुरू

सुखाड़िया विश्वविद्यालय में इसी सत्र से मास्टर ऑफ सोशल वर्क कोर्स की शुरूआत की गई है। इस पाठ्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने करते हुए कहा कि यह एक समाजोपयोगी कोर्स है। जिससे विद्यार्थी अपने ज्ञान-कौशल और बुद्धिमत्ता के जरिए राष्ट्र को और समाज को नई दिशा दे सकते हैं। 

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