रावण के पुतले को जलाने की बजाय थाने क्यों ले गई Rajasthan Police? थाना प्रभारी ने दिया जवाब
कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार भीड़ भाड़ न हो इसके मद्देनजर रावण दहन के लिए मनाही की गई थी। प्रतापनगर में लोग रावण का पुतला जलाने के लिए लाए। एसएचओ ने बताया कि समिति ने हमारा आदेश मानने से मना कर दिया तो हम रावण का पुतला थाने में ले आए।
जयपुर, एएनआई। राजस्थान के प्रताप नगर में रावण दहन से पहले ही पुतले को प्रताप नगर थाना पुलिस मौके पर आकर थाने ले गई। थाना प्रभारी ने आज इस मामले में अपना पक्ष रखा है। थाने के एसएचओ ने बताया कि कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार भीड़ भाड़ न हो इसके मद्देनजर रावण दहन के लिए मनाही की गई थी। इसके बावजूद प्रतापनगर में लोग रावण का पुतला जलाने के लिए लाए। जब समिति ने हमारा आदेश मानने से मना कर दिया, तो हम रावण का पुतला थाने में ले आए।
31 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी कोर्ट
वहीं, पुतले को थाने से छुड़वाने के लिये कॉलोनी की विकास समिति ने जयपुर महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-5 में प्रार्थना-पत्र पेश किया। कोर्ट 31 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगी।
समिति बीस साल से आयोजित कर रही रावण दहन
अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया कि समिति पिछले बीस साल से दशहरा मेला आयोजित कर रावण दहन करती आ रही है। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण मेला आयोजन करने की बजाय समिति के पांच पदाधिकारियों की मौजूदगी में केन्द्र की गाइडलाइन के अनुसार रावण दहन का निर्णय किया।
पुलिस ने धमकाया, रावण के पुतले को उठाकर ले गई
इसकी सूचना पुलिस थाने को भी दे दी। फिर भी प्रताप नगर थाना पुलिस ने मौके पर आकर समिति के पदाधिकारियों को न केवल धमकाया बल्कि रावण के पुतले को भी उठाकर ले गई।
पुलिस को अनुसंधान में पुतले की जरूरत भी नहीं है
अर्जी में कहा कि यह पुतला समिति की संपत्ति है और इसके खुले में रहने से खराब होने की संभावना है। पुलिस को अनुसंधान में पुतले की जरूरत भी नहीं है। इसलिए रावण का पुतला समिति के सुपुर्द किया जाए।