Indo US Exercise: भारत और अमेरिकी सेना का युद्धाभ्यास खत्म, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई रही मुख्य मकसद
Indo US Exercise रविवार को सशस्त्र परेड के साथ संपन्न हुए युद्धाभ्यास में दोनों देशों के अधिकारियों व सैनिकों ने एक-दूसरे के अनुभव साझा किए। आठ फरवरी से लेकर रविवार तक दोनो देशों के सैनिकों ने काउंटर टेरेरिज्म के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने की तैयारी की।
जयपुर/जोधपुर, जागरण संवाददाता/संवाद सूत्र। Indo US Exercise: राजस्थान के बीकानेर स्थित महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में पिछले 15 दिन से चल रहा अमेरिकी और भारतीय सेना का युद्धाभ्यास रविवार को खत्म हो गया। रेगिस्तानी धोरों में दोनों देशों के सैनिकों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने को लेकर युद्धाभ्यास किया। रविवार को सशस्त्र परेड के साथ संपन्न हुए युद्धाभ्यास में दोनों देशों के अधिकारियों व सैनिकों ने एक-दूसरे के अनुभव साझा किए। आठ फरवरी से लेकर रविवार तक दोनो देशों के सैनिकों ने काउंटर टेरेरिज्म के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने की तैयारी की। भविष्य में दोनों देशों की जमीन पर लड़ना पड़े तो उसको लेकर तैयारी की गई। सैनिकों ने एक-दूसरे देश के अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग लिया, जिससे भविष्य में परेशानी ना हो।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, सैनिकों ने समझा कि युद्ध में किस तरह से प्लानिंग की जाए। इसमें किन बातों का ध्यान रखा जाए। युद्धाभ्यास में टैंक के उपयोग, हेलीकॉप्टर और ड्रोन के उपयोग को लेकर सैनिकों ने उपयोग किया। भारत और अमेरिका के पास अपनी तकनीक है। अमेरिका के पास भारत से ज्यादा आधुनिक हथियार है। वहीं, भारत के अपने मजबूत हथियार हैं। ऐसे में दोनों देशों के सैनिकों ने इनका अभ्यास किया । इन दोनों की तकनीक को समझा गया। भारतीय जवानों ने अमेरिका के एम 5.56,60 एमएम मोर्टार, 7.62 मशीन गन, दुनिया का सबसे छोटा ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन और रावेन के बारे में जानकारी हासिल की। युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने आतंकी ठिकानों को नष्ट करने, आतंकवाद को खत्म करने की रणनीति पर काम किया। यह अभ्यास पाकिस्तान से होने वाली आतंकियों की घुसपैठ को रोकने में यह अभ्यास काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आतंकवाद के खिलाफ इंटेलिजेंस सूचना पर भी काम किया गया। महाजन फायरिंग रेंज में दोनों देशों के सैनिकों ने बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की।
जोधपुर संवाद सूत्र के मुताबिक, भारत और अमेरिकी सेना के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास-20 का रविवार को समापन हो गया। यह द्विपक्षीय युद्धाभ्यास संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों के तहत रेगिस्तानी इलाके की पृष्ठभूमि में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन पर केंद्रित था। इस युद्ध अभ्यास ने दोनों सैन्य टुकड़ियों को एक-दूसरे के बैटल ड्रिल एवं‘ऑपरेशनल प्रोसीजर’को समझने का बेहतरीन अवसर प्रदान किया है। बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित इस द्विपक्षीय संयुक्त युद्धअभ्यास में भारतीय सेना के ‘सप्तशक्ति कमान’ की 11 जैक राइफल्स बटालियन ने भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व किया, जबकि अमेरिकी सेना के दस्ते का प्रतिनिधित्व 2 बटालियन, 3 इन्फैंट्री रेजिमेंट, 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम, 7वीं इन्फैंट्री डिवीजन टुकड़ी द्वारा किया गया।
इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों में बेहतर सामंजस्य व आपसी सद्भाव की स्थापना के साथ साथ उग्रवाद विरोधी अभियानों व सामरिक कार्यवाहियों को सफलतापूर्वक अंजाम देना था। यह युद्धाभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया। युद्धाभ्यास का पहला चरण जिसमें तकनीकी कौशल व युद्ध जैसे हालात में कार्यवाही शामिल थी, दोनों सैन्य टुकड़ियों ने सफलतापूर्वक पूरा किया। प्रथम चरण में हासिल किए गए अनुभव व सामरिक क्रियाकलाप को दोनों सैन्य दस्तों ने द्वितीय चरण में जमीनी हालात में जांचा और परखा। दोनों सैन्य टुकड़ियों ने 54 घंटे की वैलिडेशन अभ्यास की कार्यवाही को सामूहिक रूप से सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
इस अभ्यास मे विभिन्न काउंटर आतंकी अभियानों की योजना और उनका सामना कर उन्हें परास्त करना शामिल था। इस वैलिडेशन अभ्यास को अमेरिकी सेना के मेजर जनरल डैनियल मैक डैनियल , डिप्टी कमांडर जनरल, यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी पैसिफिक और मेजर जनरल जेवियर ब्रूनसन, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, 7 इन्फैंट्री डिवीजन और भारतीय सेना के मेजर जनरल माईकल फर्नांडीज व मेजर जनरल गुरप्रीत सिंह, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, रणबांकुरा डिवीजन के द्वारा देखा और परखा गया। इस युद्धअभ्यास के दौरान कई एरियल प्लेटफॉर्म जिसमें भारतीय सैना में हाल ही में शामिल हुए नए स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर डब्ल्यूएसआई ‘रुद्र’, एमआई-17, चिनूक, अमेरिकी सैना के स्ट्राइकर वाहन और भारतीय सेना के बीएमपी-II मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल का भी उपयोग किया गया।
यह समापन समारोह महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में, संयुक्त सैन्य युद्धअभ्यास - 20 के सफलता पुर्वक पुरा होने पर आयोजित किया गया। दोनों देशों की समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला भी दोनों सेनाओं के द्वारा देखी गई। भारत-अमेरिका संबंधों के साथ-साथ आतंक पर वैश्विक युद्ध की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। दोनों देशों के सेनिको ने भी इसे उत्साहवर्धक व रोमांच से परिपूर्ण बताया।