भारत अमेरिका सेना का संयुक्त युद्धभ्यास, 8 फरवरी से रेगिस्तान में दमखम दिखाएगी दोनों देशों की सेनाएं

यह संयुक्त सैन्य युद्धअभ्यास संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत काउंटर टेररिज्म संचालन पर केंद्रित होगा। प्रशिक्षण मुख्य रूप से समकालीन महत्व के सामयिक मुद्दों के विषय वस्तु विनिमय पर केंद्रित होगा। भारत और अमेरिकी सेना के बीच में संयुक्त युद्धाभ्यास 8 फरवरी से होने जा रहा है।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 02:13 PM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 02:13 PM (IST)
भारत अमेरिका सेना का संयुक्त युद्धभ्यास, 8 फरवरी से रेगिस्तान में दमखम दिखाएगी दोनों देशों की सेनाएं
भारत और अमेरिकी सेना के बीच में संयुक्त युद्धाभ्यास 8 फरवरी से होने जा रहा है।

जोधपुर, जागरण संवाददाता। भारत और अमेरिकी सेना के बीच में संयुक्त युद्धाभ्यास 8 फरवरी से होने जा रहा है। देश के पश्चिमी सीमा से सटे पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के समीप बीकानेर क्षेत्र के महाजन फायरिंग रेंज में यह द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास शिविर है, जिसमें की अमेरिकी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिक दल हिस्सा लेगा। इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने अमेरिकी सैनिकों का दल 5 फरवरी को भारत पहुंचेगा।

भारतीय सेना के जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सैन्य विनिमय कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में, अमेरिकी सेना के सैनिक भारतीय सेना के सैनिकों के साथ युद्धअभ्यास का ये 16 वां संस्करण है। अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व, सप्त शक्ति कमान की, 11 वीं बटालियन जम्मू और काश्मीर राइफल्स करेगी और अमेरिकी सेना के प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व, 2 इन्फैंट्री बटालियन, 3 इन्फैंट्री रेजिमेंट, 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के सैनिकों द्वारा किया जाएगा। ये युध्य्भ्यास 21 फरवरी तक चलेगा।

यह संयुक्त सैन्य युद्धअभ्यास, संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत काउंटर टेररिज्म संचालन पर केंद्रित होगा । प्रशिक्षण मुख्य रूप से समकालीन महत्व के सामयिक मुद्दों के विषय वस्तु विनिमय पर केंद्रित होगा। इस युद्धअभ्यास का उद्देश्य दो सेनाओं के बीच सामरिक स्तर पर अभ्यास और एक दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं, सहयोग और तालमेल को बढ़ाना है ।संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा और भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराएगा ।

अमेरिकी सेना के साथ युद्धअभ्यास, वैश्विक आतंकवाद की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की गई सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है । इसके साथउत्तरी सीमाओं पर हाल के घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में बहुत महत्व रखते हैं और दोनों देशों के रणनीतिक क्षमता के साथ-साथ भारत-अमेरिका संबंधों को बढाने के लिये भी बेहद महत्वपूर्ण है । 

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