पंजाब से राजस्थान में फिर आया कैमिकल युक्त पानी, हर बार नहर में छोड़ा जाता है सीवरेज का पानी

इंदिरा गांधी नहर में 60 दिन की नहर बंदी के बाद मई के अंत में हरिके बैराज से पानी छोड़ा गया था। पंजाब की फैक्ट्रियों का पानी हर बार नहर में डाले जाने को लेकर आंदोलन भी होते हैं लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं निकल सका है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 11:16 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 11:16 AM (IST)
पंजाब से राजस्थान में फिर आया कैमिकल युक्त पानी, हर बार नहर में छोड़ा जाता है सीवरेज का पानी
इंदिरा गांधी नहर में 60 दिन नहर बंदी के बाद मई के अंत में हरिके बैराज से पानी छोड़ा गया

जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान के 8 जिलों में पानी की आपूर्ति करने वाली इंदिरा गांधी नहर में गंदा और कैमिकल युक्त पानी आने से संकट हो गया है। पंजाब के हरिक बैराज से छोड़ा गया गंदा और केमिकल युक्त पानी सोमवाार को हनुमानगढ़ जिले में पहुंचा और मंगलवार को बीकानेर तक पहुंच गया। अब आगे अन्य जिलों में जाएगा। राज्य के 8 जिलों के करीब 2 करोड़ लोग यही पानी पीते हैं। सिंचाई भी होती है। हर बार होने वाली नहर बंदी के बाद पंजाब की तरफ से ऐसा पानी छोड़ा जाता है। पिछले दिनों ही नहर बंदी खत्म हुई है।

इंदिरा गांधी नहर में 60 दिन की नहर बंदी के बाद मई के अंत में हरिके बैराज से पानी छोड़ा गया था। इस समय केवल पीने का पानी ही छोड़ा जा रहा है। इस कारण यह कैमिकल युक्त पानी सभी जगह पहुंचेगा। पंजाब की फैक्ट्रियों का पानी हर बार नहर में डाले जाने को लेकर आंदोलन भी होते हैं, लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं निकल सका है। राजस्थान के किसानोें ने इस संबंध में एक बार पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर कर स्थाई समाधान की मांग की थी। ट्रिब्यूलन ने पंजाब सरकार पर 50 करोड़ का जुर्माना भी किया था। वहां की सभी फैक्ट्रियों में ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश भी हुए थे, लेकिन दूषित पानी आना अभी बंद नहीं हुआ।

राज्य जलसंसाधन विभाग के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल का कहना है कि पंजाब के मुख्य अभियंता सहित अन्य अधिकारियों को पंजाब की फैक्ट्रियों के कैमिकल युक्त पानी आने की सूचना दी गई है। यह पानी लुधियाना की फैट्रियों का अपशिष्ट है। उम्मीद है शीघ्र ही हरिक बैराज से साफ पानी की आवक शुरू हो जाएगी।

स्थायी समाधान की कोशिश

श्रीगंगानगर के सांसद निहालचंद मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार से इस संबंध में बात कर हर बार होने वाली इस समस्या का स्थायी समाधान करने का प्रयास किया जाएगा । उन्होंने कहा कि वे किसानों के साथ केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से मिलेंगे । श्रीगंगानगर के विधायक राजकुमार गौड़ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है ।गहलोत पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बात करेंगे ।

पंजाब की फैक्ट्रियों से छोड़ा जाता है कैमिकल युक्त पानी

पंजाब के काला सिंधिया नाले से फैक्ट्रियों का दूषित व केमिकल युक्त पानी नहर में छोड़ा जा रहा है । हरिके हैड से राज्य को मिलने वाला पानी बीकानेर फीडर और राजस्थान फीडर के जरिए यहां आता है । हरिके हैड पर पोंग बांध के अलावा थोड़ा बहुत भाखड़ा और रोपड़ वर्क्र्स से भी पानी आता है । यह सतलुत और रावी नदियों के बहाव क्षेत्र में बहते हुए हरिके हैड वर्क्स तक पहुंचता है।

नदियों के बहाव क्षेत्र के किनारे पंजाब के कई शहर है, वहां लगी फैक्ट्रियों का कैमिकल और सीवरेज का पानी नदी के बहाव एरिया में डाला जाता है । जब नदी बहाव क्षेत्र में पोंग से आने वाले पानी की मात्रा की मात्रा करीब 20 हजार क्यूसेक होती है तो यह केमिकल और सीवरेज का पानी घुल मिल जाता है,जिससे साफ पानी में भारी जल का अनुपात कम हो जाता है। जब बांधों में पानी की मात्रा कम होती है तो गंदे पानी का अनुपात बढ़ जाता है और बदबू मारने लगता है। 

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