राजस्थान में दूल्हे को घोड़ी से उतारने की घटनाएं बढ़ीं तो सरकार हुई सख्त, पुलिस अधिकारियों की तय होगी जिम्मेदारी

Rajasthan दलित वर्ग के विवाह समारोह में बिंदोली रोकने दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने और बैंड नहीं बजने देने के मामले बढ़े हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने सख्ती करते हुए कहा कि इस तरह की घटना की जिम्मेदारी क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों की होगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 04:42 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 04:42 PM (IST)
राजस्थान में दूल्हे को घोड़ी से उतारने की घटनाएं बढ़ीं तो सरकार हुई सख्त, पुलिस अधिकारियों की तय होगी जिम्मेदारी
राजस्थान में दूल्हे को घोड़ी से उतारने की घटनाएं बढ़ीं तो सरकार हुई सख्त। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में दलित वर्ग के विवाह समारोह में बिंदोली रोकने, दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने और बैंड नहीं बजने देने के मामले पिछले कुछ दिनों में बढ़े हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने सख्ती करते हुए कहा कि इस तरह की घटना की जिम्मेदारी क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों की होगी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) रवि प्रकाश मेहरड़ा ने कहा कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्त व महानिरीक्षक को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह की घटना रोकने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे। थाना अधिकारी उनके क्षेत्रों में ऐसे स्थानों को चिन्हित करें, जहां पर दलित व अन्य वर्गों के बीच किसी भी प्रकार का विवाद चल रहा है। यदि वहां पहले कभी इस तरह की घटना हुई है तो विवाह समारोह, बिंदोली या अन्य कार्यक्रमों के दौरान संदिग्धों पर पाबंदी लगाई जाए।

पुलिस थानों में करनी होगी बैठक

उन्होंने कहा कि इंटेलीजेंस से इस तरह की घटनाओं के बारे में जानकारी कराई जाए। थानों में बीट स्तर पर जानकारी जुटाकर रखनी होगी कि उनके क्षेत्र में आगामी दिनों में किन-किन दलित परिवारों के घर पर विवाह के कार्यक्रम हैं। वहां दलित वर्ग का विवाह शांति पूर्वक कराना होगा। बिंदोली निकालने की व्यवस्था पुलिस को करनी होगी। थाना अधिकारियों को गांव के सरपंच, पंच, पार्षद व अन्य प्रमुख लोगों का इस काम में सहयोग लेना होगा। पुलिस थानों में बैठक करनी होगी, जिसमें इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने और सभी समुदायों के नागरिकों को भी संबंधित कानूनों के बारे में बताना होगा। घटना होने पर पुलिस अधीक्षक, उप अधीक्षक सहित अन्य प्रमुख अधिकारी मौके पर पहुंचेंगे। इस प्रकार की घटनाओं की सूचना बिना देरी किए पुलिस मुख्यालय में देनी होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह उदयपुर जिले के सालेरा खुर्द गांव, जयुपर जिले के करौड़ी गांव, कोटपूतली में दलित दूल्हों को घोड़ी से उतारने की घटनाएं हुई हैं। कोटपूतली में तो दबंगों ने बारातियों पर भी पथराव किया था। इससे पहले टोंक व बूंदी जिलों में इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।

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