राजस्थान के 210 आश्रय स्थलों पर खुलेंगी "खुशियों की दुकान", उदयपुर संस्था की पहल पर विभाग ने लिया फैसला
मुकेश माधवानी का कहना है कि बीइंग मानव खुशियों की दुकान जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित होंगी। खुशियों की दुकान से जरूरतमंद लोग अपने आवश्यकता अनुसार वस्तुएं ले सकेंगे जो उन्हें निशुल्क मिलेगी। फिलहाल उदयपुर के उदयापोल पार्क में बीइंग मानव खुशियों की दुकान संचालित है।
उदयपुर, जागरण संवाददाता। स्थानीय एम. स्क्वायर फाउण्डेशन की पहल बीइंग मानव "खुशियों की दुकान" अब प्रदेश के सभी 210 आश्रय स्थलों में खुशियां बिखेरती हुई नजर आएंगी। इसके लिए स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश के सभी निकाय आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को जारी करते हुए आश्रय स्थलों पर बीइंग मानव "खुशियों की दुकान" शुरू करने के लिए निर्देश दिए हैं।
स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक और विशिष्ट सचिव दीपक नंदी की ओर से जारी आदेश में सभी निकायों के आयुक्तों को लिखा गया है कि वे आश्रय स्थलों के अंदर व बाहर संचालित हो रही नेकी की दीवार को समेकित करते हुए बीइंग मानव "खुशियों की दुकान" शुरू करें। प्रत्येक आश्रय स्थल पर 5 फ़ीट से लेकर 20 फ़ीट तक की जगह बीइंग मानव "खुशियों की दुकान" के लिए आवंटित की जाए। परियोजना निदेशक सुरेश चंद गुप्ता के अनुसार आश्रय स्थल प्रबंधक को ही नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए लिखा गया है।
उदयपुर की संस्था एम.स्क्वायर फाउंडेशन के अध्यक्ष मुकेश माधवानी ने बीइंग मानव "खुशियों की दुकान" को लेकर स्वायत्त शासन विभाग को प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव दीपक नंदी ने इस पर सकारात्मक पहल करते हुए हमारे प्रस्ताव को स्वीकार किया और सभी निकाय आयुक्तों को आवश्यक कार्यवाही के लिए लिखा।
मुकेश माधवानी का कहना है कि बीइंग मानव "खुशियों की दुकान" जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित होंगी। "खुशियों की दुकान" से जरूरतमंद लोग अपने आवश्यकता अनुसार वस्तुएं ले सकेंगे, जो उन्हें नि:शुल्क मिलेगी। फिलहाल उदयपुर के उदयापोल पार्क में बीइंग मानव "खुशियों की दुकान" संचालित है। जहां वे लोग जिनके घरों पर अतिरिक्त वस्तुएं पड़ी हैं और वे उनका उपयोग नहीं कर पाते, उन्हें दूसरे जरूरतमंद लोग उपयोग कर पाएं इसके लिए वहां रखकर जाते हैं। यहां सामान्य कपड़े, गरम कपड़े, बर्तन, खिलौने, स्टेशनरी, पुस्तकें आदि जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध हो रही हैं।