Rajasthan: सीएम के छह सलाहकारों की नियुक्ति पर राज्यपाल ने सरकार से मांगा जवाब
Rajasthan राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद नाराज छह विधायकों को संतुष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सलाहकार बनाए जाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार से जवाब मांगा है। राज्यपाल ने सरकार से पूछा है कि सीएम के सलाहकार किस आधार पर बनाए गए हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद नाराज छह विधायकों को संतुष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सलाहकार बनाए जाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार से जवाब मांगा है। राज्यपाल ने राज्य सरकार से पूछा है कि सीएम के सलाहकार किस आधार पर और किस नियम के तहत बनाए गए हैं। भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सलाहकारों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की थी। राजभवन ने राठौड़ के पत्र के आधार पर गहलोत सरकार से जवाब मांगा है। राठौड़ ने पत्र में लिखा है कि संविधान के अनुच्छेद-191(ए) के तहत विधानसभा में कानून बनाए बिना लाभ के पद पर ऐसी नियुक्ति की जा सकती है।
उन्होंने पत्र में लिखा कि नियमों में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है कि सरकार अपने स्तर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार या संसदीय सचिवों की नियुक्ति करें।उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज वरिष्ठ विधायकों को सीएम का सलाहकार बनाया गया है। इनमें कांग्रेस विधायक डा. जितेंद्र सिंह, राजकुमार शर्मा, दयाराम परमार, दानिश अबरार, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और रामकेश मीणा शामिल है। यह सभी विधायक सीएम अशोक गहलोत के विश्वस्त माने जाते हैं। सलाहकार सीएम का सहयोग करने के लिए बनाए गए थे। सलाहकार बनाए जाने पर राज्यपाल ने सरकार से जवाब तो मांगा है, लेकिन फिर भी एक दर्जन संसदीय सचिव बनाए जाएंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान में रविवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बावजूद कांग्रेस नीत सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नवनियुक्त सलाहकार व निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि पायलट की वजह से राजस्थान में कांग्रेस को नुकसान होगा। मीणा ने कहा कि अगर पायलट ने नेतृत्व में सूबे में 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया तो पार्टी को खासा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि मैं साफ तौर पर कह दूं कि इस मामले में मैं पार्टी का समर्थन नहीं करूंगा। सूबे में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया जाना चाहिए न कि कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों को। इस दौरान उनका इशारा बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की ओर था।