Gehlot Government: सिलिकोसिस पीड़ितों को 5 लाख की सहायता, 4 हजार प्रतिमाह पेंशन देगी

Mahatma Gandhi 150th Birth Anniversary 150 वीं जयंती के दौरान पूरे वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित करने वाली गहलोत सरकार 3 अक्टूबर को सिलिकोसिस नीति जारी करेगी।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 09:47 AM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 09:47 AM (IST)
Gehlot Government: सिलिकोसिस पीड़ितों को 5 लाख की सहायता, 4 हजार प्रतिमाह पेंशन देगी
Gehlot Government: सिलिकोसिस पीड़ितों को 5 लाख की सहायता, 4 हजार प्रतिमाह पेंशन देगी

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में सिलिकोसिस की बीमारी भयावह रूप अख्तियार करती जा रही है । सिलिकोसिस बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने इसके लिए एक नीति बनाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के दौरान पूरे वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित करने वाली गहलोत सरकार 3 अक्टूबर को सिलिकोसिस नीति जारी करेगी।

जानकारी हो कि इस नीति से प्रदेश के 21 हजार से अधिक सिलिकोसिस रोगी और उनके परिजन लाभांवित होंगे। इस नीति में सरकार सिलिकोसिस पीड़ितों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और 4 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान करने जा रही है। सिलिकोसिस पीड़ित की मौत पर उसकी पत्नी को 3500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता एवं नाबालिग बच्चों को शिक्षा के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

सिलिकोसिस रोगियों की सुनवाई और समस्यायाओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर लीगल सेल बनाए जाएंगे। जिला कलेक्टर नियमित रूप से रोगियों के उपचार निगरानी रखेंगे। रोगियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्य सचिव प्रत्येक तीन माह में रिव्यू करेंगे। इसमें सिलिकोसिस की रोकथाम,पीड़ितों के पुर्नवास एवं नियंत्रण के उपाय पर चर्चा होगी। सरकार विशेषज्ञों से भी समय-समय पर सलाह लेगी।

17 जिलों में सिलिकोसिस रोगियों को होगा फायदा

राज्य के 17 जिलों सिरोही, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तोड़गढ़, टोंक, उदयपुर, नागौर, करौली, जोधपुर, दौसा, धौलपुर, जयपुर, राजसमंद, बीकानेर, बूंदी, भरतपुर और बांसवाड़ा में करीब 10 लाख लोग खनन उधोग, ईंट भट्टा उधोग, बालू की ढुलाई और सिरेमिक उधोग में काम कर रहे है।

इनमें काम करने वाले लोगों में सिलिकोसिस बीमारी अधिक होती है। चिकित्सा विभाग के अनुसार पिछले चार साल में सिलिकोसिस से 576 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे अधिक करौली जिले के रोगी शामिल है। इस नीति के क्रियान्वयन में राज्य के श्रम,स्वास्थ्य,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और खनन विभाग की भूमिका तय की जा रही है। 

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