Rajasthan: चुनाव में किए वादों को पूरा करने के लिए गहलोत सरकार को चाहिए केंद्र का सहयोग
Rajasthan विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कई ऐसे वादे कर लिए थे जिन्हें पूरा करने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। केंद्र सरकार के सहयोग के बिना यह वादे पूरे नहीं हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने वादे पूरे करने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए जन घोषणा पत्र में किए गए आठ वादे पूरा करना अशोक गहलोत सरकार के लिए मुश्किल हो रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कई ऐसे वादे कर लिए थे, जिन्हें पूरा करने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। केंद्र सरकार के सहयोग के बिना यह वादे पूरे नहीं हो सकते हैं। मुख्यमंत्री, मंत्रियों और मुख्य सचिव ने आठ वादे पूरे करने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को कई बार पत्र लिखे हैं। राज्य के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और ऊर्जामंत्री डॉ. बीडी कल्ला का दावा है कि 501 में से 321 वादे यानी 64 फीसद पूरे कर लिए गए हैं। शेष पर काम चल रहा है। उधर, भाजपा राज्य के अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर वादे करने पर अब सवाल उठा रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस ने ऐसे वादे कर लिए, जो राज्य सरकार पूरे ही नहीं कर सकती। केवल चुनाव जीतने के लिए लोगों से असत्य बोल गया। वहीं, मंत्री संघीय ढांचे का हवाला देकर अपनी बात को सही ठहरा रह हैं।
इन वादों के लिए केंद्र को लिखा पत्र
कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में कृषि यंत्रों पर जीएसटी की दर कम करने का वादा किया था। इस बारे में जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला होना है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री को दो बार पत्र लिखे हैं। कांग्रेस ने राज्य के सभी 33 जिलों में यूथ हॉस्टल बनाने, लघु व सीमांत किसानों के पशुधन बीमा का वादा किया था। लेकिन इसके लिए भी केंद्र सरकार के सहयोग की जरूरत है। रेल परियोजनाओं को गति देने की बात भी कांग्रेस ने चुनाव में कही थी। जबकि केंद्र सरकार भीलवाड़ा की मेमू कोच फैक्ट्री और डूंगरपुर-रतलाम रेल प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को निरस्त कर चुकी है। उल्लेखनीय है कि सत्ता संभालते ही गहलोत सरकार ने जन घोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाया था। इसे मंत्रिमंडल की बैठक में पारित करवाया और मुख्य सचिव को लागू करने के लिए सौंपा था।