Rajasthan: गहलोत सरकार ने 64 फीसद वादे पूरे किए

Rajasthan छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री और घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू व सदस्य सांसद अमर सिंह ने शनिवार को सीएम और मंत्रियों के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक में गहलोत सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में पूरे किए गए वादों पर चर्चा हुई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:06 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:06 PM (IST)
Rajasthan: गहलोत सरकार ने 64 फीसद वादे पूरे किए
गहलोत सरकार ने 64 फीसद वादे पूरे किए। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में सत्ता और संगठन में फेरबदल से पहले अशोक गहलोत सरकार से कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने को लेकर हिसाब मांगा गया है। कांग्रेस आलाकमान ने पूछा कि अब तक कितने वादे पूरे हुए हैं। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री और घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू व सदस्य सांसद अमर सिंह ने शनिवार को सीएम और मंत्रियों के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक में गहलोत सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में पूरे किए गए वादों पर चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि 64 फीसद वादों पर काम पूरा हो गया। 28 फीसद को क्रियान्वित करने का काम जारी है। शेष आठ वादों पर अब काम शुरू होगा। साहू और सिंह ने गहलोत के साथ अलग से भी बैठक की।

साहू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर वह यहां आए हैं। घोषणा पत्र में किए गए वादों के क्रियान्वयन की जानकारी लेने के बाद सोनिया गांधी को रिपोर्ट दी जाएगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में किए वादों का हिसाब दिया है। सरकार ने दो साल के कार्यकाल में ही 52 फीसद वादे पूरे कर लिए, जबकि डेढ़ साल तो कोरोना में निकल गया था। उन्होंने कहा कि अब तक 64 फीसद वादे पूरे हो चुके हैं। पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले सरकार सभी वादे पूरे कर लेगी। 

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश में सभी श्रेणियों के लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रत्येक वर्ग के लिए न्यूनतम मजदूरी की दरों में 27 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बढ़ी हुई दरें एक जुलाई, 2020 से लागू होंगी। श्रम विभाग की ओर से इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, अब अकुशल श्रमिक को 225 रुपये के स्थान पर 252 रुपये प्रतिदिन या 6552 रुपये प्रतिमाह, अर्द्धकुशल श्रमिक को 237 रुपये के स्थान पर 264 रुपये प्रतिदिन या 6864 रुपये प्रतिमाह, कुशल श्रमिक को 249 रुपये के स्थान पर 276 रुपये प्रतिदिन या 7176 रुपये प्रतिमाह तथा उच्च कुशल श्रमिक को 299 रुपये के स्थान पर 326 रुपये प्रतिदिन या 8476 रुपये प्रतिमाह मजदूरी प्राप्त होगी। इस प्रकार प्रत्येक वर्ग को न्यूनतम मजदूरी में 702 रुपये प्रतिमाह का लाभ होगा। एक जुलाई, 2020 से प्रस्तावित न्यूनतम मजदूरी की दरों को एक जनवरी, 2019 से 30 जून, 2020 तक की अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में हुई वृद्धि के आधार पर तय किया गया है। न्यूनतम मजदूरी की दरों में पिछली वृद्धि एक मई, 2019 से लागू की गई थी।

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