Rajasthan: कांग्रेस के डैमेज कंट्रोल पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कसा तंज

Rajasthan गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में कांग्रेस संगठन और सरकार में चल रहे पॉलिटिकल ड्रामा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का डैमेज है कि कंट्रोल होने का नाम नहीं लेता। कलह कंट्रोल के लिए कमलनाथ को बुलाया गया जो अभी स्वयं अस्पताल से बाहर आए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:42 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:42 PM (IST)
Rajasthan: कांग्रेस के डैमेज कंट्रोल पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कसा तंज
कांग्रेस के डैमेज कंट्रोल पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कसा तंज। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में कांग्रेस संगठन और सरकार में चल रहे पॉलिटिकल ड्रामा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का डैमेज है कि कंट्रोल होने का नाम नहीं लेता। कलह कंट्रोल के लिए कमलनाथ को बुलाया गया है, जो अभी स्वयं अस्पताल से बाहर आए हैं। मध्य प्रदेश में पार्टी संगठन के लिए कमलनाथ के परफार्मेंस से सभी वाकिफ हैं। उनका आयात कर राजस्थान कांग्रेस को क्या लाभ मिलेगा, गहलोत ही बता सकते हैं, क्योंकि जानकारों की नजर में तो यह गहलोत की योग्यता पर प्रश्न चिन्ह है।शुक्रवार को अपने बयान में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जनता को भी यह आशंका रहती है कि ये सरकार अब गिर जाए, तब गिर जाए। गिराने के लिए बाहर का बल नहीं चाहिए, ये आपस में ही लड़-भिड़कर गिर जाएंगे। कौन असंतुष्ट है किससे और क्यों। इसे छिपाने के लिए कांग्रेस चाहे जितनी लीपापोती कर ले, अब यह बात छिपी नहीं है कि जादूगर को पायलट की उड़ान से अपनी कुर्सी का खतरा लगता है।

शेखावत ने कहा कि कांग्रेस में सेकेंड लाइन लीडरशिप का कोई नामलेवा नहीं है, यहां सिर्फ एक परिवार ही सबकुछ है वो जिसे चाहे आगे बिठा दे, जिसे चाहे पीछे धकेल दे। चलिए हम और आप मिलकर बाहर से इनका डैमेज कंट्रोल शो देखते हैं। इससे पहले केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान की वर्तमान कांग्रेस सरकार अवैध तरीके से जनप्रतिनिधियों के टेलीफोन टैप करती है और इसे अपने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है। ऐसा अनेक बार आरोप लगा है। जोधपुर प्रवास के दौरान रविवार को बातचीत में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पिछले वर्ष जब फोन टैपिंग प्रकरण सामने आया था, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में और मीडिया के सामने कहा था कि राजस्थान में यह परंपरा नहीं है, लेकिन बाद में विधानसभा में उन्हीं के मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि हमने लीगल तरीके से टेलीफोन टैप किए हैं। 

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