Rajasthan Political Crisis: ​​​​​राजस्थान के निर्दलीय विधायकों ने सोनिया, राहुल और प्रियंका से मिलने का मांगा समय

​​​​​Rajasthan Political Crisis जी-19 की 23 जून को होने वाली बैठक से पहले निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान से कहा कि यदि पायलट खेमे को सरकार में भागीदारी देने का प्रयास किया गया तो वे समर्थन वापसी पर विचार करेंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 03:49 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:18 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: ​​​​​राजस्थान के निर्दलीय विधायकों ने सोनिया, राहुल और प्रियंका से मिलने का मांगा समय
​​​​​जी19 के विधायकों ने सोनिया, राहुल व प्रियंका से मिलने का समय मांगा। फाइल फोटो

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच का सियासी विवाद सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है। पायलट के पक्ष में दो दिन पहले प्रदेश प्रभारी अजय माकन का बयान आने के बाद गहलोत समर्थकों में भड़क गए। सीएम खेमे ने रणनीति के तहत सरकार को समर्थन दे रहे 13 निर्दलियों के साथ ही बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों ने ग्रुप जी-19 बना लिया। इन विधायकों ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात का समय मांगा है। पायलट खेमे को गद्दार बताते हुए इन विधायकों ने आलाकमान से फिर कहा कि यदि हम साथ नहीं लगते तो गहलोत सरकार अब तक गिर गई होती। जी-19 की 23 जून को होने वाली बैठक से पहले निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान से कहा कि यदि पायलट खेमे को सरकार में भागीदारी देने का प्रयास किया गया तो वे समर्थन वापसी पर विचार करेंगे। उन्होंने रालोद के सुभाष गर्ग के साथ जाने का दावा किया है। उधर, गहलोत खेमे की प्रेसर पॉलिटिक्स को भांपते हुए पायलट ने रविवार से दौरे शुरू कर दिए। वे अब जिलों में जाकर वे अपनी ताकत दिखाएंगे।

समझौते के मूड में नहीं गहलोत

निर्दलियों व बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकोें को आगे बढ़ाने के पीछे गहलोत की रणनीति मानी जा रही है। इन 19 विधायकों को आगे कर गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों के काम को टालना चाहते हैं। आलाकमान व पायलट खेमे के दबाव के बीच गहलोत ने रविवार को अपने विश्वस्तों के साथ रणनीति बनाई। उन्होंने साफ किया कि वे दबाव में आकर कोई काम नहीं करेंगे। वे पायलट खेमे के साथ किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है। उधर, पायलट भी दबाव कायम रखना चाहते हैं। इसी रणनीति के तहत उन्होंने रविवार से जिलों के दौरे शुरू कर दिए। पहले दिन अलवर जिले के दौरे पर गए। जयपुर से अलवर जाते समय उनका कई स्थानों पर स्वागत हुआ। यहां उन्होंने सीआरपीएफ के शहीद जवान शेर सिंह जाटव और विधायक जौहरी लाल के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। मीणा की पत्नी का दो दिन पहले ही निधन हुआ है।

जी19 के विधायक बोले, हम गहलोत के साथ

निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हमारे कारण गहलोत सरकार बची। पायलट ने तो सरकार गिराने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। वे भाजपा से मिल गए थे। अब भी वे भाजपा नेताओं के संपर्क में है। राजस्थान में वही होगा जो गहलोत चाहेंगे। संदीप यादव ने कहा कि हम दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से मिलेंगे और बताएंगे कि पायलट खेम गद्दार है। उन्हें नहीं हमें सरकार में भागीदारी दो।

chat bot
आपका साथी