Rajasthan: बेटे की मौत के गम में परिवार के चार सदस्यों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

हनुमान सरकारी स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। ग्रामीणों ने बताया कि 18 वर्षीय बेटे अमर की मौत के बाद से पूरा परिवार अवसाद में रहता था। केवल हनुमान ही नौकरी पर जाने के लिए घर से निकलता था बाकी लोग घर में ही कैद रहते थे।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 10:31 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 10:31 AM (IST)
Rajasthan: बेटे की मौत के गम में परिवार के चार सदस्यों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की
परिवार के चार सदस्यों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सीकर में बेटे की मौत के गम में एक परिवार के चार सदस्यों ने  फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वालों में बेटे का के माता-पिता और दो बहनें शामिल है। चार माह पहले बेटे की हार्ट अटैक से मौत हुई थी। इसके बाद से पूरा परिवार अवसाद में था।

रविवार को पति-पत्नी ने अपनी दो बेटियों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घर के एक कमरे में सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि हम बेटे अमर के बिना जी नहीं सकते, हम भी दुनिया छोड़कर जा रहे हैं। बेटे के बिना दुनिया बेकार है। किसी का पुलिस परेशान नहीं करे। मामला सीकर के पुरोहित जी की ढाणी का है। मृतक घर का मुखिया 48 वर्षीय हनुमान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी का भतीला था। अन्य मृतकों में उसकी 45 वर्षीय पत्नी तारा, 24 साल की बेटी पूजा और 22 साल की चिकू शामिल है। ये सभी एक साथ घर के कमरे में लटके हुए मिले।

हनुमान सरकारी स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। ग्रामीणों ने बताया कि 18 वर्षीय बेटे अमर की मौत के बाद से पूरा परिवार अवसाद में रहता था। केवल हनुमान ही नौकरी पर जाने के लिए घर से निकलता था, बाकी लोग घर में ही कैद रहते थे।

पुलिस के अनुसार रविवार शाम को हनुमान के घर दूघ देने के लिए एक लड़का आया। उसने काफी देर तक घर कर दरवाजा बजाया। लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो उसने परिवार के दो सदस्यों के मोबाइल पर फोन किया। किसी ने मोबाइल भी रिसीव नहीं किया। इस पर उसने पड़ौसियों को बताया। पड़ौसियों ने भी काफी देर तक दरवाजा बजाया। कोई जवाब नहीं मिलने पर पड़ौसियों ने दरवाजा तोड़ा तो परिवार के चारों लोग फंदे से लटके हुए नजर आए। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने चारों के शव नीचे उतरवाए और पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए।

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