Rajasthan: पूर्व सांसद रासा सिंह रावत का अजमेर में निधन

Rajasthan रासा सिंह रावत विगत कुछ समय से कोरोना महामारी से संक्रमित थे किन्तु उन्होंने उससे जंग जीतते हुए अच्छा रिकवर कर लिया था उन्हें हृदयघात हुआ और प्राण पखेरू उड़ गए। उन्होंने शाम साढ़े पांच बजे अंतिम सांस ली।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:43 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:43 PM (IST)
Rajasthan: पूर्व सांसद रासा सिंह रावत का अजमेर में निधन
पूर्व सांसद रासा सिंह रावत का अजमेर में निधन। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: पूर्व सांसद रासा सिंह रावत का सोमवार को अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने शाम साढ़े पांच बजे अंतिम सांस ली। सांसद रावत के पुत्र अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि रासा सिंह रावत विगत कुछ समय से कोरोना महामारी से संक्रमित थे, किन्तु उन्होंने उससे जंग जीतते हुए अच्छा रिकवर कर लिया था, उन्हें हृदयघात हुआ और प्राण पखेरू उड़ गए। सांसद रावत को अजमेर में बच्चा-बच्चा मास्टर साहब के नाम से जानता है। वे पांच बार सांसद रहे। अजमेर के महर्षि दयानंद वि़द्यालय और दयानंद बाल आश्रम, आर्य समाज, रेड क्रास सोसायटी जैसी अनेक सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं में वे सिरमौर रहे हैं।

रासा सिंह 1989 से 2004 तक लगातार पांच बार रहे। एक बार कांग्रेस नेता डाॅ प्रभाठाकुर से मात्र पांच हजार वोटों से चुनाव हारे थे। बहुत बड़े रावत समाज को भाजपा से जोड़ने में उनका बड़ा हाथ रहा। उन्होंने जीवन काल की सबसे बड़ी बात रही कि वे बेबाक, सक्रिय, जुझारू, प्रखरवक्ता, संस्कृत के विद्वान, थे। खास बात रही कि उन्होंने जीवन पर्यंत टीम रासा सिंह रावत कभी तैयार नहीं की। वे सदैव न काहू से दोस्ती और न काहू से बैर भाव से राजनीति करते रहे। सदैव संगठन के लिए समर्पित रहे। अपने जीवन में वे दो बर जिला प्रमुख भी बने। उन्होंने विधायक का भी एक बार चुनाव लड़ा। सांसद रावत पिछले दिनों अजमेर के पूर्व भाजपा अध्यक्ष पूर्णाशंकर दशोरा दंपती के निधन पर उनके तीये की बैठक में सार्वजनिक रूप से दिखे थे। उनकी विनम्रता इतनी थी वे अपने से छोटे हो या बड़े सभी के चरण स्पर्श करने में तनिक विलंब नहीं करते थे। पलक झपकते ही वे सभी को झुक कर आगे नमन कर लेते थे। ऐसे व्यक्ति और व्यक्तित्व के निधन पर अजमेर के राजनीतिक ही नहीं सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में शोक व्याप्त है।

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