Rajasthan: खान घूसकांड के मुख्य आरोपित पूर्व आइएएस अशोक सिंघवी ने किया सरेंडर

Ashok Singhvi. खान घूसकांड के मुख्य आरोपित पूर्व आइएएल अशोक सिंघवी ने ईडी की विशेष कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 06:23 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 06:23 PM (IST)
Rajasthan: खान घूसकांड के मुख्य आरोपित पूर्व आइएएस अशोक सिंघवी ने किया सरेंडर
Rajasthan: खान घूसकांड के मुख्य आरोपित पूर्व आइएएस अशोक सिंघवी ने किया सरेंडर

जागरण संवाददाता, जयपुर। Ashok Singhvi. खान घूसकांड के मुख्य आरोपित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के पूर्व अधिकारी अशोक सिंघवी ने सोमवार को मनी लॉंड्रिंग मामलों (ईडी) की विशेष कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सिंघवी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और ईडी मामलों में फरार चल रहे थे। सरेंडर के बाद जज अरुण कुमार अग्रवाल प्रथम ने उन्हें 15 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सिंघवी के जमानत प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

जानें, क्या है मामला

सितंबर, 2015 में राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने खान विभाग में चल रहे घूस कांड मामले का खुलासा किया था। ब्यूरो ने चित्तौड़गढ़ में बंद पड़ी 6 खानों को चालू करने की एवज में 22 करोड़ की डील का खुलासा किया था। ब्यूरो ने इस मामले में दलाल को ढ़ाई करोड़ की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था। पूरे मामले में ब्यूरो के साथ ईडी ने पूर्व आइएएस अशोक सिंघवी सहित अन्य आरोपितों पर मनी लॉड्रिंग की धाराओं में केस भी दर्ज किया था। इस पर ईडी कोर्ट ने जनवरी 2019 को प्रसंज्ञान लेते हुए सभी आरोपितों को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया था, लेकिन तभी से सभी आरोपी फरार चल रहे थे। पूरे मामले में ईडी कोर्ट ने 8 लोगों को आरोपित बनाया था। इसमें से पांच ने पहले ही ईडी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।

वहीं, मामले में अभी भी राशिद शेख और तमन्ना बेगम फरार चल रहे हैं। 30 नवंबर, 2015 को ईडी ने सिंघवी सहित अन्य पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी की जांच में सामने आया कि नवंबर 2014 से जनवरी 2015 में 600 खानों का आवंटन नियम विपरीत हुआ है। अधिकारियों ने आवंटन की रोक के सकुर्लर को अनदेखा किया। अधिकारियों, सीए और खनन माफिया ने गठजोड़ बनाकर 2.55 करोड़ रुपये की रिश्वत का ताना-बाना बुना। खान विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव सिंघवी समेत अन्य अफसरों ने खनन पट्टों का आवंटन किया था। यह घूसकांड करीब दो हजार करोड़ रुपये का होने की बात सामने आई थी। 

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