Rajasthan: पांच साल की बच्ची ने बचाई अपनी मां की जान, समय रहते 100 नंबर पर कर दिया था फोन

पांच साल की बच्ची ने बचाई अपनी मां की जान समय रहते 100 नंबर पर कर दिया था फोनसमय रहते पुलिस उनके घर पहुंची हैरान रह गई कि विवाहिता की हत्या का प्रयास किया गया और यह काम उसके पति और सास ने किया।

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 12:12 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 12:12 PM (IST)
Rajasthan: पांच साल की बच्ची ने बचाई अपनी मां की जान, समय रहते 100 नंबर पर कर दिया था फोन
पांच साल की बच्ची ने बचाई अपनी मां की जान

उदयपुर, संवाद सूत्र। अंबामाता थाना क्षेत्र में पांच साल की एक बालिका ने अपनी मां की जान बचा ली। समय रहते पुलिस उनके घर पहुंची हैरान रह गई कि विवाहिता की हत्या का प्रयास किया गया और यह काम उसके पति और सास ने किया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया, जबकि पीड़िता को एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पता चला कि गला दबाकर उसकी हत्या का प्रयास ही नहीं किया गया, बल्कि जहर देकर उसकी जान लेने की भी कोशिश की गई।

मिली जानकारी के अनुसार घटना शहर के अंबामाता क्षेत्र की है। जहां अमरनगर से एक बालिका का फोन पुलिस को आया था। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो पता चला कि निशा संवारिया घायल अवस्था में मिली। जिसके साथ उसके पति नरेंद्र और सास शांता सांवरिया ने मारपीट की। महिला के बेहोश होने पर उसे तत्काल क्षेत्र के जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां पता चला कि उसे जहर दिया गया। उपचार के बाद जब महिला को होश आया तो पता चला कि उसे जहर और किसी ने नहीं, बल्कि उसके पति और सास ने मिलकर दिया। पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज करने के बाद हत्या का प्रयास का मामला दर्ज कर लिया।

थानाधिकारी सुनील टेलर का कहना है कि मां निशा के कहने पर उसकी पांच साल की बेटी दिशा ने पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर दिया था। जिससे उसे बचाया जा सका। मामले की जांच की जा रही है और लगाए गए आरोप साबित होने पर आरोपी पति नरेंद्र और सास शांता सांवरिया की गिरफ्तारी की जाएगी।

इधर, पीड़िता के भाई अंबामाता यादव कॉलोनी निवासी अंबालाल खटीक ने बताया कि उसकी बहन निशा की शादी नरेंद्र सांवरिया से सात साल पहले हुई थी और उसकी पांच साल की भांजी है। शादी के कुछ महीने बाद उनका बहनोई नरेंद्र ने बहन निशा के साथ मारपीट शुरू कर दी। जिस पर उसने महिला थाने में मामला दर्ज कराया था। हालांकि परिवार और समाज के दबाव के बाद इस मामले में उनके बीच राजीनामा हो गया था।  

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