Rajasthan: पुलिस नहीं सुलझा सकी तो मंदिर में निपटा चोरी का पांच साल पुराना मामला
Rajasthan Police. थाना अधिकारी सुरेश चौधरी ने दोनों को आमने-सामने बिठाकर समझौता करने लिए कहा लेकिन वे दोनों नहीं माने और गधे पर अपना-अपना हक जताते रहे।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Rajasthan Police. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में गधा चोरी का एक मामला सामने आया है। पांच साल पहले चोरी हुए गधे का मामला इतना उलझा कि पुलिस भी इसे नहीं सुलझा सकी, आखिरकार मंदिर में रविवार को यह मामला सुलझा। दरअसल, करीब पांच साल पहले भीलवाड़ा जिले के चांद जी की खेड़ी गांव निवासी रामदेव बागरिया का गधा चोरी हो गया था। आसपास तलाशने के बाद भी गधा नहीं मिला। इसी बीच तीन दिन पहले रामदेव बागरिया अपने गांव से पास के ही कोटडी गांव जा रहा था। रास्ते में उसने गधों का झुंड देखा। पास गया तो उसमें उसे अपना गधा नजर आ गया। उसने गधे को नाम से आवाज लगाई तो वह दौड़ता हुआ रामदेव बागरिया के पास पहुंच गया। रामदेव ने पास की दुकान से लेकर गधे को बिस्किट खिलाएं। इसी बीच, सहदेव नाम का एक व्यक्ति मौके पर पहुंच गया और उसने गधे पर अपना हक जताया।
पशु चिकित्सक की मदद भी ली गई
सहदेव ने रामदेव बागरिया को गधा देने से इन्कार कर दिया। इस पर रामदेव बागरिया ने शनिवार को कोटड़ी पुलिस थाने में चोरी की नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। थाना अधिकारी सुरेश चौधरी ने दोनों को आमने-सामने बिठाकर समझौता करने लिए कहा, लेकिन वे दोनों नहीं माने और गधे पर अपना-अपना हक जताते रहे। इस पर थाना अधिकारी ने गधे की उम्र और अन्य पहचान के बारे में दोनों से बात की तो दोनों ने अलग-अलग उम्र बताई। सहदेव ने गधे की उम्र सात साल बताई तो रामदेव बागरिया ने 12 साल बताई। इस पर स्थानीय पशु चिकित्सक की सहायता ली तो उन्होंने गधे की उम्र करीब 10 साल बताई। रामदेव बागरिया ने पहले पशु चिकित्सालय में गधे के इलाज के कागज और फोटो भी पुलिस थाने में पेश किए, लेकिन सहदेव फिर भी उसे गधा देने के लिए तैयार नहीं हुआ।
आखिरकार स्थानीय प्रमुख लोगों व पुलिस थाना अधिकारी ने रामदेव बागरिया व सहदेव से बात कर यह तय किया कि क्षेत्र के बड़े धार्मिक स्थल चारभुजा मंदिर परिसर में गधे को बांध दिया जाता है। दोनों में से खुद को जो भी गधे का मालिक मानता होगा, वह उसे खोलकर ले जाएगा। इस पर रामदेव बागरिया उसे खोल कर अपने साथ ले गया। सहदेव ने इसका कोई विरोध नहीं किया। इस तरह गधा चोरी का पांच साल पुराना मामला सुलझाया गया। थाना अधिकारी ने बताया कि चारभुजा मंदिर भीलवाड़ा जिले का प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। लोगों की मान्यता है कि यहां सच बोला जाता है, कोई असत्य नहीं बोलता। यह मानते हैं कि जो असत्य बोलता है, वह पाप का भागीदार होता है। स्थानीय लोग आपसी विवाद मंदिर में ही निपटाते हैं।