Delhi Mumbai Expressway: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगेंगे पांच तरह के 10 लाख पौधे, वाटर हार्वेस्टिंग टैंक भी बनेंगे

Delhi Mumbai Expressway दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर प्रदूषण को कम करने के लिहाज से पांच अलग-अलग किस्म के 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे। यह पौधे एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ और बीच में डिवाइडर पर लगाए जाएंगे। राजस्थान में एक्सप्रेसवे का 374 किलोमीटर हिस्सा होगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 02:48 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 02:48 PM (IST)
Delhi Mumbai Expressway: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगेंगे पांच तरह के 10 लाख पौधे, वाटर हार्वेस्टिंग टैंक भी बनेंगे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगेंगे पांच तरह के 10 लाख पौधे, वाटर हार्वेस्टिंग टैंक भी बनेंगे। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। भारत माला परियोजना के तहत बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे) पर प्रदूषण को कम करने के लिहाज से पांच अलग-अलग किस्म के 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे। यह पौधे एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ और बीच में डिवाइडर पर लगाए जाएंगे। इनमें परदेशी नीम, जाइलीन, एरिका पाम, स्नेक और गरबेरा शामिल है। यह पौधे प्रदूषण को कम करने के साथ ही पर्यावरण को शुद्ध रखेंगे। बारिश से हरियाली भी बढ़ेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों का कहना है कि काफी विचार करने के बाद पौधों की किस्म का चयन किया गया है। इनमें एरिका पाम कार्बन डाइ आक्साइड ग्रहण करता है और फिर आक्सीजन छोड़ता है। स्नेक का पौधा जहरीली गैसों को काफी हद तक खत्म करता है।

देश के सबसे लंबे 1350 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे का राजस्थान में 374 किलोमीटर हिस्सा होगा। इसमें से 350 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया है। तीन दिन पहले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दौसा जिले में एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की थी। शनिवार को एनएचएआइ के अधिकारियों की टीम ने पौधै लगाने को लेकर विशेषज्ञों के साथ दौरा किया। यह तय किया कि किस स्थान पर कौन सा पौधा लगाया जाना उचित होगा। राज्य सरकार के वन व पर्यावरण विभाग ने भी एनएचएआइ को सहयोग करने की बात कही है। वनमंत्री सुखराम विश्नोई का कहना है कि एक्सप्रेसवे के आसपास वन विभाग भी ऐसे पौधे लगाएगा, जिनसे प्रदूषण कम और बारिश के मौसम में हरियाली अधिक हो सके। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली से जयपुर तक एक्सप्रेसवे का 70 फीसद का पूरा हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली से दौसा तक का एक्सप्रेसवे इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाए जाएंगे। राजस्थान में ऐसे 130 टैंक बनेंगे। प्रत्येक टैंक की क्षमता 700 लीटर होगी। वाटर हार्वेस्टिंग टैंकों के माध्यम से बारिश के पानी का उपयोग हो सकेगा।

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