Rajasthan: सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर वृद्ध की हत्या में पांच गिरफ्तार

Murder In Rajasthan राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर वृद्ध की हत्या के आरोप में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 10:45 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 11:03 PM (IST)
Rajasthan: सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर वृद्ध की हत्या में पांच गिरफ्तार
Rajasthan: सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर वृद्ध की हत्या में पांच गिरफ्तार

उदयपुर, संवाद सूत्र। Murder In Rajasthan: चित्तौड़गढ़ जिले के उमण्ड गांव में सरकारी भूमि पर कब्जे की बात को लेकर हुई हिंसा में एक वृद्ध की हत्या कर दी गई, जबकि उसकी पत्नी भी गंभीर रूप से घायल है। जिसे उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्तीं कराया गया है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में कपासन थानांतर्गत उमण्ड गांव में शुक्रवार सुबह सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर शंकरलाल (60) पुत्र छोगालाल धोबी तथा पड़ोसी शंकरलाल पुत्र हरिराम धोबी के परिजन हथियार निकाल लाए और एक-दूसरे पर हमला कर दिया। आपसी हिंसा में शंकरलाल पुत्र छोगालाल धोबी की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी कौशल्या देवी गंभीर रूप से घायल हो गई।

उसे जिले के श्रीसांवलिया अस्पताल ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर रेफर कर दिया गया। इधर, हिंसा की सूचना मिलते ही कपासन के पुलिस उप अधीक्षक दलपतसिंह भाटी, थाना प्रभारी हिमान्शु सिंह, नायब तहसीलदार शंकरलाल गुर्जर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मोके से हमले में उपयोग ली कुल्हाड़ी, धारिए तथा लाठियां बरामद की। वहीं, शंकरलाल पुत्र हरिराम उसके भाई नाथूलाल, बेटा दिनेश, हरिराम तथा भतीजा रंगीला को गिरफ्तार कर लिया। पांचों आरोपितों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

इधर, नायब तहसीलदार शंकरलाल गुर्जर का कहना है कि मृतक शंकरलाल धोबी के परिजनों ने सरकारी बिलानाम भूमि पर कब्जा कर रखा था। शुक्रवार को वहां पड़ोसी शंकरलाल ने कच्ची दीवार का निर्माण करके उक्त जमीन अपने कब्जे में लेने की कोशिश की थी, जिस पर दोनों परिवार के लोगों के बीच कहासुनी हुई और दोनों पक्ष के लोग हथियार निकाल लाए थे। सरकारी भूमि की नपाई कराकर उसे कब्जे से मुक्त करा

दिया गया है। इधर, मृतक के परिजनों का कहना है कि जिस जमीन को सरकारी बताया जा रहा है, वह उनके परिवार के पास पिछले साठ साल से है। पड़ोसी उसे हड़पना चाहता था। 

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