सलूम्बर से भाजपा विधायक की लगातार दूसरे दिन जमानत अर्जी खारिज, जेल में ही रहना होगा

मंगलवार को पांच वरिष्ठ वकीलों ने जमानत अर्जी को लेकर बहस की। मीणा की पत्नी शांता देवी थी सराड़ा तहसील की सेमारी पंचायत से उम्‍मीदवार। जांच में साबित हुआ शांतादेवी ने कभी स्कूल में अध्ययन नहीं किया। अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर निचली अदालत में सरेंडर करने के आदेश थे।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 06:18 PM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 07:37 PM (IST)
सलूम्बर से भाजपा विधायक की लगातार दूसरे दिन जमानत अर्जी खारिज, जेल में ही रहना होगा
केवल अपराध की प्रकृति और गंभीरता, परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जमानत अर्जी खारिज की।

उदयपुर, संवाद सूत्र। पत्नी को फर्जी अंकतालिका के जरिए सरपंच का चुनाव लड़वाने के मामले में सीआईडी-सीबी की जांच में दोषी ठहराए सलूम्बर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा की जमानत अर्जी मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सलूम्बर ने खारिज कर दी। ऐसे में उनकी रिहाई की उम्मीद को जोरदार झटका लगा है और उन्हें अब सलुम्बर की उप जेल में दिन बिताने होंगे। सोमवार को विधायक मीणा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सराड़ा स्थित अदालत में सरेंडर किया था और उनकी ओर से पेश जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद जेल भेजा था। अदालत ने इस मामले में केवल अपराध की प्रकृति और गंभीरता, परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

मंगलवार को पांच वरिष्ठ वकीलों ने जमानत अर्जी को लेकर बहस की

मिली जानकारी के अनुसार उदयपुर जिले की सलूम्बर सीट से लगातार दूसरी बार निर्वाचित भाजपा विधायक अर्जुनलाल मीणा की ओर से मंगलवार को जिले के पांच वरिष्ठ वकीलों ने अपर जिला एवं सत्र न्यायालय, सलुम्बर में उनकी जमानत अर्जी को लेकर बहस की। जिसका अपर लोक अभियोजक ने विरोध किया। उनके रखे गए तर्क के बाद न्यायालय के पीठासीन अधिकारी राकेश रामावत ने विधायक की जमानत अर्जी खारिज करते हुए अपने फैसले में लिखा कि छह साल पुराने मामले में विधायक ने राजनीतिक हैसियत के चलते केस को लेकर जांच एजेंसी को किसी तरह का सहयोग नहीं किया। ऐसे में अदालत यदि विधायक की जमानत अर्जी मंजूर कर लेगी तो माना जाएगा कि अदालत भी राजनैतिक दबाव के सामने झुक गई।

मीणा की पत्नी शांता देवी थी सराड़ा तहसील की सेमारी पंचायत से उम्‍मीदवार

यह था मामला-प्रकरण को लेकर बताया कि 2015 में सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी लालपुरिया निवासी शांता देवी ने सराड़ा तहसील की सेमारी ग्राम पंचायत से सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ा था। जिसकी योग्यता के लिए उसने पांचवीं पास की अंकतालिका पेश की थी, जिसे उसकी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार सुगना देवी ने चुनौती देते हुए शांता देवी की अंकतालिका को फर्जी बताया था। मामले की जांच में उसकी ओर से पेश अंकतालिका फर्जी निकली। जिसमें उसके अभिभावक के तौर पर उसके पति विधायक अर्जुनलाल मीणा के हस्ताक्षर थे। जिस पर उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया।

मामले की जांच में साबित हुआ शांतादेवी ने कभी स्कूल में अध्ययन नहीं किया

अर्जुनलाल के विधायक होने पर मामले की जांच सीआईडी—सीबी को सुपुर्द की गई। जांच में पाया कि शांता देवी की ओर से पेश अंकतालिका अजमेर जिले के नसीराबाद स्थित संत मार्टिन माध्यमिक विद्यालय, भवानीखेड़ा की थी, जिसे संबंधित स्कूल ने जारी नहीं किया। जांच में यह भी साबित हुआ कि शांतादेवी ने कभी इस स्कूल में अध्ययन नहीं किया। अंकतालिका में दर्ज प्रवेशांक भी किसी अन्य विद्यार्थी का था।

अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर निचली अदालत में सरेंडर करने के आदेश किए

इस मामले की जांच में पाया गया कि कूटरचित अंकतालिका शांतादेवी के पति विधायक अर्जुनलाल मीणा ने बनवाई थी। इस मामले में सीआईडी सीबी ने कई बार विधायक को जांच में सहयोग के लिए नोटिस भेजे लेकिन आरोपी विधायक कभी भी सीआईडी—सीबी के समक्ष पेश नहीं हुआ, बल्कि मामले में अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों उनकी अग्रिम जमानत याचिका को रद्द करते हुए निचली अदालत में सरेंडर करने के आदेश किए थे।

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