Fire In Ahar Museum: राजस्थान में उदयपुर के आहड़ संग्रहालय में भीषण आग

Fire In Ahar Museum उदयपुर के आहड़ संग्रहालय रविवार को भीषण आग की लपटों से घिर गया। हालांकि इसमें किसी तरह की बड़ी हानि नहीं हुई लेकिन पेड़-पौधे जलकर खाक हो गए। चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 25 Apr 2021 10:20 PM (IST) Updated:Sun, 25 Apr 2021 10:20 PM (IST)
Fire In Ahar Museum: राजस्थान में उदयपुर के आहड़ संग्रहालय में भीषण आग
राजस्थान में उदयपुर के आहड़ संग्रहालय में भीषण आग। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। Fire In Ahar Museum: राजस्थान में उदयपुर के आहड़ संग्रहालय रविवार को भीषण आग की लपटों से घिर गया। हालांकि इसमें किसी तरह की बड़ी हानि नहीं हुई, लेकिन पेड़-पौधे जलकर खाक हो गए। चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया। उदयपुर के प्रतापनगर रेलवे स्टेशन के समीप प्रदेश के इकलौते स्थल आहड़ संग्रहालय में अचानक आग लग गई। आग की लपटें इतनी तीव्र थी कि एक किलोमीटर की दूरी से दिखाई देने लगीं। मिट्टी के टीलों पर स्थित आहड़ संग्रहालय परिसर में बड़ी संख्या में पेड़ तथा झाड़ियां लगी थी। आग में पेड़-पौधों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। पहाड़ियों के बीच चार हजार साल पुरानी आहड़ सभ्यता के कई स्थान हैं, जिन्हें देखने देश-विदेश के पर्यटक उदयपुर आते हैं। स्थल संग्रहालय परिसर में यहां से निकले पात्र तथा अन्य वस्तुओं को प्रदर्शित करने के लिए संग्रहालय बना हुआ है। यह संग्रहालय भी आग से घिर गया, लेकिन किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।

इधर, उदयपुर नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास का कहना है कि संग्रहालय के खाली भूभाग में हजारों पेड़-पौधे लगे हुए हैं। पिछले दिनों संग्रहालय प्रबंधन ने झाड़ियों को कटवाया था और उन्हें वहां रखा हुआ था। सूखी झाड़ियों के आग पकड़ लेने से आग तेजी से फैली। सात दमकलों के जरिए पैंतीस कर्मचारियों ने चार घंटे की मशक्कत से आग पर काबू पा लिया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इकलौते स्थल संग्रहालय की स्थापना छह दशक पहले साल 1961-62 में उदयपुर के धूलकोट यानी मिट्टी की पहाड़ियों के बीच किया गया, जहां चार हजार साल पुराने अवशेष दबे हुए हैं। राज्य सरकार ने साल 1962 में इसे आहड़ संग्रहालय के रूप में स्थापित किया। जहां प्राचीन आहड़ सभ्यता के अवशेष सहेजकर प्रदर्शित करे हुए हैं। गौरतलब है कि साल, 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसका जीर्णोद्धार कराया था। 

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