Rajasthan: किसान को लात मारे जाने पर घिरी गहलोत सरकार, एसडीएम का तबादला
Rajasthan किसानों के मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान एसडीएम के लात मारने का मामला अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। आनन-फानन में हालांकि सरकार में एसडीएम भूपेंद्र यादव का तबादला जोधपुर जेडीए में कर दिया है।
जोधपुर, संवाद सूत्र। जालोर के सांचौर क्षेत्र के प्रतापपुरा गांव में किसानों के मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान एसडीएम के लात मारने का मामला अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। आनन-फानन में हालांकि सरकार में एसडीएम भूपेंद्र यादव का तबादला जोधपुर जेडीए में कर दिया है, लेकिन अपनी मांगों को लेकर किसान एसडीएम कार्यालय सांचौर के बाहर धरने पर बैठे हैं। वही, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अब विपक्ष के निशाने पर है। जहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और आरएलपी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि राजस्थान में कांग्रेसी प्रशासन का किसान को लात मारना हो या उत्तर प्रदेश की कांग्रेसी रैली में बेरोजगार युवाओं की पिटाई, कांग्रेस कहीं भी हो, जनता से दुर्व्यवहार की आदत इनके डीएनए में है। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने भी ट्वीट कर घटना की निंदा की। उन्होंने लिखा कि किसान हितैषी बनने की नौटंकी करने वाले कांग्रेस सरकार के बयानवीर इस घटनाक्रम पर क्या बयान देंगे?
इधर, प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस प्रकरण पर सरकार पर निशाना साधा है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि मुआवजे की मांग कर रहे अन्नदाताओं को उपखंड स्तर पर एक बाबू लात मार रहा है। यह हक एसडीएम को किसने दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सीएमओ को मामले में संज्ञान लेकर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जालोर-सिरोही सांसद देवजी एम पटेल ने मामले पर सोशल मीडिया पोस्ट कर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने घटना की निंदा की और पूछा कि एसडीएम को किसान को लात मारने का हक किसने दिया। हालांकि घटना के बाद सरकार ने एसडीएम को सांचोर से हटा दिया है, लेकिन शनिवार को किसानों का अपनी शेष मांगों को लेकर धरना जारी है। किसानों ने अवाप्त भूमि की उन्हें डीएलसी दर से 20 गुणा अधिक दर से रेट देने के साथ ही किसान परिवार पर दर्ज किया गया मामला वापस लेने की मांग है।