Rajasthan: सीएमएचओ ऑफिस के पास चल रहा था फर्जी अस्पताल, फर्जी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज
Rajasthan सीएमएचओ कार्यालय के समीप फर्जी अस्पताल चल रहा था और इसकी भनक किसी भी कर्मचारी को नहीं लगी। वहां भर्ती एक मरीज के परिजन ने वेंटीलेटर के लिए आइएएस डॉ. मंजू से संपर्क किया तो उन्हें इसका पता चला।
उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान में उदयपुर में मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय के समीप फर्जी अस्पताल चल रहा था और इसकी भनक किसी भी कर्मचारी को नहीं लगी। वहां भर्ती एक मरीज के परिजन ने वेंटीलेटर के लिए आइएएस डॉ. मंजू से संपर्क किया तो उन्हें इसका पता चला। डॉ. मंजू उदयपुर शहर में कोरोना उपचार बेड की व्यवस्थाओं तथा अस्पतालों पर निगाह रखे हुए हैं। बताया गया कि उदयपुर के भूपालपुरा क्षेत्र में मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी का कार्यालय है। इसके महज तीन सौ फीट की दूरी पर श्रीजी अस्पताल के नाम से हॉस्पिटल संचालित है। जिसमें कोरोना के आठ मरीजों का उपचार जारी था। जिनमें से पांच ऑक्सीजन पर थे।
एक मरीज के परिजन ने उदयपुर में कोरोना मरीजों के लिए बेड की व्यवस्थाओं पर निगाह रखे हुए जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी आइएएस डॉ. मंजू से वेंटीलेटर बैड के लिए संपर्क किया। तब पता चला कि मरीज भूपालपुरा के श्रीजी अस्पताल में भर्ती है, जो कोरोना मरीजों के उपचार के लिए नियत अस्पतालों की सूची में शामिल नहीं था। इसके बाद डॉ. मंजू सहयोगी मावली उपखंड अधिकारी मयंक मनीष तथा जिला क्षय अधिकारी डॉ.अंशुल मठ्ठा के साथ श्रीजी अस्पताल पहुंची तो यह देखकर हैरान रह गईं कि वहां आठ कोरोना मरीज भर्ती थे। यह अस्पताल बिना सरकारी अधिकारी तथा प्रोटोकाल के संचालित था। वहां मिले अरूण जोशी ने खुद को चिकित्सक बताया, लेकिन जब उसकी डिग्री मांगी गई तो वह बीएचएमएस निकला, जो फर्जी थी।
इसके बाद उन्होंने तत्काल भूपालपुरा थाना पुलिस को बुलाया और अरूण जोशी के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, वहां भर्ती सभी मरीजों को तत्काल महाराणा भूपाल अस्पताल के लिए शिफ्ट किया गया। भूपालपुरा थाना अधिकारी भवानीसिंह राजावत ने बताया कि अरूण जोशी के खिलाफ आपदा प्रबंध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इधर, आइएएस डॉ. मंजू ने बताया कि श्रीजी अस्पताल का संचालन फर्जी तरीके से हो रहा था और वहां सर्जरी किए जाने की भी जानकारी मिली है। गौरतलब है कि डॉ. मंजू आइएएस में सलेक्ट होने से पहले चिकित्सक थीं और इसीलिए उदयपुर जिला कलेक्टर ने उन्हें कोरोना में मरीजों की बेड व्यवस्था की जिम्मेदारी और अस्पतालों की जांच की जिम्मेदारी सौंप रखी है।