Rajasthan: उदयपुर में फर्जी डॉक्टर कर रहा था कोरोना का इलाज, पुलिस ने किया गिरफ्तार
Rajasthan उदयपुर में एक ऐसा भी अस्पताल सामने आया है जिसका संचालन बारहवीं कक्षा पास व्यक्ति कर रहा था। दस बिस्तर के इस अस्पताल में सामान्य रोगी ही नहीं बल्कि कोरोना से पीड़ित रोगियों का भी उपचार किया जा रहा था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
संवाद सूत्र, उदयपुर। Rajasthan: कोरोना महामारी के दौर में भी आपराधिक प्रवृत्ति के लोग बाज नहीं आ रहे हैं। अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए रामबाण के रूप में बताए जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते दो डॉक्टर सहित सात लोग पकड़े गए थे, लेकिन अब जिले में एक ऐसा भी अस्पताल सामने आया है, जिसका संचालन बारहवीं कक्षा पास व्यक्ति कर रहा था। दस बिस्तर के इस अस्पताल में सामान्य रोगी ही नहीं, बल्कि कोरोना से पीड़ित रोगियों का भी उपचार किया जा रहा था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने इस अस्पताल को सीज कर दिया है।
यह सब उदयपुर जिले के आदिवासी उपखंड झाड़ोल के मगवास गांव में चल रहा था। जहां महज बारहवीं पास प्रदीप दत्ता फर्जी डॉक्टर बनकर ग्रामीणों का उपचार कर रहा था। वह गांव के एक निजी स्कूल में 10 विस्तर का अस्पताल चला रहा था। जहां नकली एक्स-रे मशीन और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की मदद से ग्रामीणों को इलाज के नाम पर बेवकूफ बनाता था। कार्रवाई के दौरान अस्पताल में पांच मरीज भर्ती थे, जिन्हें बाद में झाडोल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया। भर्ती मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण थे, जिनकी जांच कराई गई है।
पुलिस उपाधीक्षक गिरधर सिंह का कहना है कि प्रदीप मूलत: बंगाल का रहने वाला है। वह कुछ साल से उदयपुर के ग्रामीण इलाकों में फर्जी डॉक्टर बन मरीजों का उपचार कर रहा था। उसने बीफार्मा का लाइसेंस किराए पर ले रखा था और वह मेडिकल शाप का भी संचालन कर रहा था। इसमें बड़ी संख्या में दवाइयों के साथ गर्भपात में उपयोग की जाने वाली गोलियां भी मिली हैं। इसके बाद पुलिस ने प्रदीप के अवैध अस्पताल और मेडिकल शाप को सीज कर दिया है। गौरतलब है कि उदयपुर सहित प्रदेशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के निए नए मामले सामने आ रहे हैं।