Coronavirus Lockdown Effect: ब्लू सिटी जोधपुर के गाइड्स व टूरिज्म इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों पर रोजगार का संकट

ब्लू सिटी जोधपुर के गाइड्स व टूरिज्म इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों पर रोजगार का संकटकोविड 19 के कारण छ माह से बंद पड़ा टूरिज्म विश्व कहने को भले ही पर्यटन दिवस मना रहा है लेकिन पिछले छः माह से बिना मेहमान के बिना पर्यटकों के सब कुछ अधूरा है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 10:49 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 10:49 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Effect: ब्लू सिटी जोधपुर के गाइड्स व टूरिज्म इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों पर रोजगार का संकट
मेहरानगढ़, जसवंत थड़ा, घण्टाघर बाजार कोरोना की वजह से वीरान

जोधपुर, रंजन दवे। पूरा विश्व कोरोना की जद में है ऐसे व्यापार और विशेषकर टूरिज्म सेक्टर पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। राजस्थान की सूर्यनगरी और ब्लू सिटी भी कोरोना के प्रभाव में पधारो म्हारे देश वाली अपणायत भरी संस्कृति से दूर होती जा रही है। विश्व कहने को भले ही पर्यटन दिवस मना रहा है, लेकिन पिछले छः माह से बिना मेहमान के बिना पर्यटकों के सब कुछ अधूरा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने यहां के दर्शनीय स्थल, होटल, ट्रेवल्स सेक्टर , गाइड और पर्यटन से जुड़े छोटे से छोटे व्यक्ति को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे में सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं मिलने से जोधपुर समेत सभी अन्य स्थानों के टूरिज्म इंडस्टीज से जुड़े लोग जूझ रहे हैं।

विश्व मे पर्यटन के क्षेत्र में अपना स्थान विशेष रखने वाला जोधपुर पर्यटकों को तरस रहा है। पर्यटकों से गुलजार रहने वाला मेहरानगढ़, जसवंत थड़ा, घण्टाघर बाजार आज कोरोना की वजह से वीरान है। शहर में टूरिस्ट नही आने से टूरिज्म से जुड़े लोग भी संकट जूझ रहे हैं, जो टूरिस्ट आ रहे है, वे नियमों और बंद पड़े पर्यटक स्थलों और वीकेंड लॉक डाउन से परेशान हैं।

गुड़गांव में बड़ी कम्पनी में अकाउंट्स की जॉब करने वाले ब्रिटिश निवासी ओलिवर ने लॉक डाउन वर्क फ्रॉम होम के बाद मिले सप्ताह भर के अवकाश को के बाद खुद में बदलाव के लिए इस वीकेंड जोधपुर की ओर रुख किया, लेकिन बढ़ते संक्रमण के कारण शहर में लगे लॉक डाउन ने उसके पूरे प्लान पर पानी फेर दिया और घूमने आने वाले पर्यटक को फिर होटल के कमरे में ही कैद होना पड़ा।

इधर मार्च माह से लगे लॉक डाउन ने पर्यटन जगत को जमीन पर ला दिया है। सरकार को राजस्व में लाभ देने वाले क्षेत्र व इससे जुड़े लोगों को अनदेखा करने से भी टूरिज्म सेक्टर से जुड़े लोगों में नाराजगी है। जोधपुर गाइड एसोसियेशन के सचिव ऋषिराज जोधा के अनुसार जोधपुर में पर्यटन विभाग में ग्रीन कार्ड होल्डर लगभग 350 से अधिक पंजीकृत गाइड है। लेकिन उनके लिए सरकार की ओर से कुछ प्रयास नही हुए हैं।

करोना महामारी के अंतर्गत पर्यटन गाइड की स्थिति सबसे अधिक बिगड़ी है। वैसे भी पर्यटन में अनिश्चितता बनी रहती है, लेकिन इस बार पर्यटन स्थलों के साथ बस ट्रेन और वायु मार्ग सहित अन्य आवागमन के साधन बन्द होने से पिछले महीनों छः माह से पर्यटक गाइड के पास किसी प्रकार का कोई काम नहीं है, और आने वाले समय मे भी इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है। गाइड्स की बचत घर परिवार पर खर्च हो गयी। हालांकि 1 अक्टूबर से मेहरानगढ़ और अन्य पर्यटन स्थल खुल रहे हैं लेकिन शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के अलावा रेल व अन्य साधन नही चलने से पर्यटकों के आने के आसार नजर नहीं आ रहे। कमोबेश ये हाल ट्रेवल और होटल व्यवसायियो का है। कोरोना महामारी से रेस्टोरेंट व होटल व्यवसाय पूरी तरह ठप है। गत लम्बे समय से बंद होने से स्टाफ की पगार निकालना भी मुश्किल है जिसके चलते कइयों ने अपने प्रतिष्ठान ही उठा लिए हैं।

इनका कहना है :-

जोधपुर गाइड एसोसिएशन सचिव ऋषिराज जोधा- गाइड्स के हितों को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट करवाया गया है, । कोविड कि प्रभाव में गाइडिंग से जुड़े लोग सर्वाधिक प्रभावित हुए है, और सबसे बाद में इस सेक्टर में उठाव आएगा। ऐसे में सरकार से मानदेय की मांग की गई है।हम सिर्फ आशा ही कर सकते हैं कि सरकार जल्द ही स्थिति सुधारे और पर्यटक गाइडों के पास पहले की तरह काम होगा ।

होटल व रेटोरेंट संचालक कुलदीप गौड़- 

कोरोनो वायरस संकट के बीच अभी स्थिति सामान्य होने में समय लगेगा। पर्यटकों पर निर्भर होटल के हालात विकट हैं।बिजली पानी के बिल भी भारी पड़ रहे हैं।सरकार का रवैया स्थिति को और पेचीदा कर रहा है। आमदनी कुुुछ भी नहीं है, लेकिन खर्चे लगातार वही है।

राजस्थान पर्यटन विभाग उपनिदेशक भानू प्रताप- 

राज्य सरकार के निर्देशों से नई पर्यटन नीति के क्रियान्वयन का कार्य शुरू किया जा चुका है । इसमें पर्यटन से जुड़े विविध सेक्टर गाइड, ट्रेवल्स, होटल व रेस्टोरेंट को लेकर प्रावधान है,साथ ही विभिन्न कमेटियों के द्वारा इसे बेहतर बनाने के लिए प्रयास किये जायेंगे।

ब्रिटेन पर्यटक ओलिवर (वर्तमान में गुड़गांव में काम करता है)- 

छः माह बाद काम से एक सप्ताह का अवकाश मिला, लेकिन जोधपुर आकर पता कि यहां लॉक डाउन है। सभी स्पॉट बन्द है। ऐसे में कहीं जा नहीं सकता। वहीं टूरिस्ट फ़ूड के अधिकांश होटल भी बंद है।

chat bot
आपका साथी