Eid ul Fitr 2021: दाउदी बोहरा समाज ने मनाई ईद, ख्वाजा की दरगाह में खुलेगा जन्नती दरवाजा; पर नहीं हो सकेगी जियारत
Eid ul Fitr 2021 बोहरा समाज के मोहम्मद भाई के अनुसार मंगलवार रात्रि समाज के लोगों ने अफ्तार कर तीवां रोजा खोला। सभी ने उनके रोजा कुबूल करने व देश व दुनिया को कोरोना मुक्त करने की परवरदिगार से दुआ की।
अजमेर/उदयपुर, संवाद सूत्र। अजमेर के दाउदी बोहरा समाज ने ईद उल फितर बुधवार को मनाई। कोविड महामारी के दौर में बचाव की दृष्टि से सभी ने घरों में नमाज अदा की और ईद की मुबारकबाद दी। बोहरा समाज के मोहम्मद भाई के अनुसार, मंगलवार रात्रि समाज के लोगों ने अफ्तार कर तीवां रोजा खोला। सभी ने उनके रोजा कुबूल करने व देश व दुनिया को कोरोना मुक्त करने की परवरदिगार से दुआ की। उन्होंने बताया कि बोहरा समाज ईदुल फितर बुधवार को शांति और सद्भाव से मनाई। समूचे विश्व में कोरोना महामारी के दुख भरे माहौल में सभी ने व्यक्तिगत मेल मुलाकात नहीं करते हुए डिजिटल संवाद किया और एक दूसरे को घर पर रहने, मास्क लगाने और दूरी बनाए रखते हुए कोरोना से बचे रहने की खैर खबर ली।
इधर, सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज सैयद मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह खादिम सैयद कुतुबुददीन सखी के अनुसार, हिलाल कमेटी के मुताबिक, बुधवार रात को चांद नजर नहीं आया। 14 मई को ईद उल फितर मनाया जाएगा। सुबह दरगाह का आस्ताना खुलने के साथी ही ज्ननती दरवाजा भी खुल जाएगा। जो दोपहर तीन बजे की खिदमत के समय बंद होगा। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के कारण ईदुल फितर के अवसर पर आम जन को या बिना पासधारी खादिमों को दरगाह में प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। इसलिए जन्नती दरवाजे से प्रवेश कर जियारत करने की किसी को इजाजत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि चांद नहीं दिखा इस कारण ईद उल फितर शुक्रवार को मनाई जाएगी। चांद नहीं दिखने पर मुसलमानों को 30 वां रोजा रखने का अवसर मिलेगा। दरगाह के खादिमों की संस्था सैयद जादगान अंजुमन के सदस्य सैयद फजले मोईन एवं तस्सदुक हसैन जमाली के अुनसार बुधवार को चांदरात है, शाम को ईद का चांद दिखने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने बताया कि रमजान माह की बीस तारीख की शाम से ऐतेकाफ में बैठकर इबादत करने वाले रोजदारों को भी ईद का चांद दिखने पर उठाया जाएगा।
ईद की नमाज से पूर्व फितरा बंटेगा
सुन्नी दावत एक इस्लामी के मौलाना मोहम्मद मोइन्नुद्दीन रजवी के अनुसार ईद की नमाज से पहले गरीब, यतीम, व जरूरतमंदों को फितरा बांटना जरूरी है ताकि त्योहार के दिन कोई नतो भूखा रहे और नही मायूस । उन्होंने गरीब व जरूरतमंदों को ईद की खुशी में शामिल करने का संदेश देते हुए कहा कि वे कोरोना महामारी के दौर में स्वयं को भी सुरक्षित रखे और आवश्यक नियमों को पालन करे।
उदयपुर में बोहरा समुदाय ने घरों में ही अदा की ईद उल फितर की नमाज़
उदयपुर में रमज़ान माह के तीस रोजे पूरे करने के बाद बोहरा समुदाय ने उदयपुर में बुधवार को वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के बीच ईद उल फितर का त्योहार मनाया। ईद के मौके पर पड़ी जाने वाली विशेष नमाज घर पर ही रह कर अदा की गई। समुदाय के लोगों ने घर पर रहकर ही ईद की खुशियाँ मनाई।
सुधारवादी बोहरा समुदाय से संबद्ध दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता मंसूर अली ओड़ावाला ने बताया की बुधवार को रमज़ान के तीस रोज़े पूरे होने पर ईद उल फ़ितर की विशेष नमाज़ (जो की आमतौर पर मस्जिदों में अदा की जाती है) घरों में ही पढ़ी गई। लॉकडाउन और कर्फ्यू के मद्देनज़र एवं समाज की महामारी से सुरक्षित रखने को लेकर समुदाय ने ईद की नमाज घरों में ही अदा करने का फैसला किया। जिसके चलते मस्जिदों में मौलाना समेत सिर्फ अनुमति प्राप्त पांच व्यक्तियों ने नमाज अदा कर समाज और देशहित में दुआ की गई। इस अवसर पर ऑनलाइन यू ट्यूब पर प्रसारित ईद उल फ़ितर की नमाज के दौरान रसूलपुरा मस्जिद के इमाम मौलाना मुदस्सर जरी वाला ने ईद का मतलब समझाते हुए कहा कि जिस दिन गुनाहों से दूर रहा जाए, वहीं दिन ईद का दिन होता है। नमाज़ के बाद दुआओं में मुल्क में फैली महामारी महामारी से बचने के लिए दुआ की गई और समाजजनो को कर्फ्यू की पालना और सोशल डिस्टेंडिंग की सख्त हिदायत दी गई।
इस बार नदारद रहा ईद का उत्सवी माहौल
समाज जनों ने इस अवसर पर घर पर सेवईंया और मिठाइयां बनाई और सभी खुशियाँ घर पर ही मनाई। वहीँ दूसरी ओर ईद उल फ़ितर के अवसर पर जहाँ बोहरवाड़ी में आमतौर पर चहल पहल, रेलमपेल और उत्सव सा माहौल रहता है। वह इस बार नदारद रहा। सूनी सूनी गालियां कहीं से भी ईद का अहसास नहीं होने दे रही है।