गहलोत सरकार के ढ़ाई साल में एक दर्जन आईएएस केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए, वरिष्ठ अफसरों की कमी से जूझ रहा राजस्थान

अशोक गहलोत सरकार के ढ़ाई साल के कार्यकाल में एक दर्जन अधिकारी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। कुछ और जाने की कतार में है। कभी सीएम के खास माने जाने वाले अफसर भी दिल्ली का रूख करने लगे हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 11:54 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 11:54 AM (IST)
गहलोत सरकार के ढ़ाई साल में एक दर्जन आईएएस केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गए, वरिष्ठ अफसरों की कमी से जूझ रहा राजस्थान
वरिष्ठ अफसरों की कमी से जूझ रहा राजस्थान

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में कोई वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के (आईएएस )अफसर रहना नहीं चाहता, हालात यह हैं कि अशोक गहलोत सरकार के ढ़ाई साल के कार्यकाल में एक दर्जन अधिकारी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। कुछ और जाने की कतार में है। कभी सीएम के खास माने जाने वाले अफसर भी दिल्ली का रूख करने लगे हैं। वरिष्ठ अफसरों की कमी से जूझ रहे राजस्थान में अधिकांश विभाग अतिरिक्त चार्ज के भरोसे ही चल रहे हैं। प्रदेश में 315 आईएएस अफसरों का कैडर है, लेकिन कार्यरत 264 ही है। इनमें से भी कई दिल्ली अथवा अपने गृह राज्य में प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते हैं।

अफसरों की कमी के कारण सरकारी कामकाज बाधित हो रहा है। करीब ढ़ाई साल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सचिव रहे तन्मय कुमार, श्री आलोक, नरेश पाल गंगवार, संजय मल्होत्रा, रोहित कुमार सिंह, रजत मिश्रा, आनंदी, टीना सोनी और विष्णु चरण मलिक प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। ये सभी केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कार्यरत है। केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले सभी अफसरों को रिजल्ट ओरएंटड माना जाता है। इसी तरह अत्तहर आमिर अपने गृह प्रदेश जम्मू-कश्मीर में तीन साल की प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। 1995 बैच के प्रवीण गुप्ता चुनाव आयोग में उप चुनाव आयुक्त पद पर प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। गुप्ता पिछली वसुंधरा सरकार के समय पूरे पांच साल वित्त विभाग में सचिव रहे थे।

अंबरीश कुमार पांच साल की प्रतिनियुक्ति पर ईशा फाउंडेशन में गए हैं इनके अतिरिक्त कभी सीएम गहलोत के खास माने जाने वाले प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन किया है। ढ़ाई साल पहले गहलोत के सत्ता संभाालते ही शर्मा को मुख्यमंत्री कार्यालय में लगाया गया, लेकिन वहां प्रमुख सचिव कुलदीप रांका से पटरी नहीं बैठने के कारण उन्हे उर्जा विभाग में प्रमुख सचिव पद पर भेज दिया गया । वहां से उनका तबादला खान विभाग में किया गया और अब पिछले सप्ताह उन्हे कम महत्व के जयपुर मेट्रो का सीएमडी बनाया गया है।

जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले ही केंद्र की प्रतिनियुक्ति से वापस जयपुर आए सुधांश पंत का यहां मन नहीं लग रहा, अब वे फिर दिल्ली जाना चाहते हैं। वरिष्ठ अधिकारी वी.श्रीनिवासन,उषा शर्मा व राजीव सिंह ठाकुर कई सालों से दिल्ली के विभिन्न मंत्रालयों में कार्यरत हैं। अफसरों के लगातार राज्य से जाने के कारण सचिवालय में अब मात्र दो अतिरिक्त मुख्य सचिव काम कर रहे हैं। 

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