कोविड के दौरान जनाजे में जुटी 10 हजार से ज्यादा की भीड़, कांग्रेस विधायक के खिलाफ मामला दर्ज

जयपुर के प्रमुख समाज सेवी हाजी रफअत अली के जनाजे में 10 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने के मामले में दो कांग्रेस विधायकों की भूमिका शामिल आई है । इस मामले में विधायक रफीक खान सहित 11 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है ।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 11:07 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 11:07 PM (IST)
कोविड के दौरान जनाजे में जुटी 10 हजार से ज्यादा की भीड़, कांग्रेस विधायक के खिलाफ मामला दर्ज
दो कांग्रेस विधायकों की भूमिका शामिल आई है

जागरण संवाददाता, जयपुर! कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन कर जयपुर के प्रमुख समाज सेवी हाजी रफअत अली के जनाजे में 10 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने के मामले में दो कांग्रेस विधायकों की भूमिका शामिल आई है । इस मामले में विधायक रफीक खान सहित 11 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है । पुलिस की मनाही के बावजूद लोगों की भीड़ एकत्रित करने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी विधायक खान से नाराजगी जताई है ।

पुलिस उपायुक्त परीस देशमुख ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने मृतक रफअत अली के जनाजे की व्यवस्था करा दी थी । उनके परिजन भी कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दफनाने को तैयार थे । लेकिन कुछ लोगों ने गाइडलाइन का उल्लंघन किया और अचानक भीड़ जनाजे में शामिल हो गई । विधायक खान सहित 11 लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम और धारा 144 के तहत मुकदमा पंजीबद्ध किया है ।

पुलिस ने जनाजे की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई है । दरअसल,मृतक रफअत अली खुले विचारों के समाज सेवी थे । वे कट्टरपंथियों के खिलाफ थे । कोरोना महामारी के दौरान ईद की नमाज जयपुर की जामा मस्जिद पर उनके कहने से ही नही हुई । उनकी अपील पर ईद का जूलूस तक टाल दिया गया था। यहां तक की उन्होंने मस्जिद में कोविड केयर सेंटर बनाने का प्रस्ताव प्रशासन के समक्ष रखा था । वे मुस्लिम युवाओं को एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर रखने की सलाह देते थे । कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने लोगों से घरों में रहने,जरूरतमंदों की मदद करने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील बार-बार कह थी । लेकिन स्व.रफअज अली के जनाजे में ही उनके द्वारा दिए गए संदेश का जमकर उल्लंघन हुआ।

जनाजे में भी वोट की राजनीति

दरअसल,हाजी रफअत अली का जयपुर के मुस्लिम समाज में इतना प्रभाव था कि मुस्लिम समाज का बड़ा तबका उनकी अपील पर मतदान करता था। समाज सेवा के लिए किए गए कार्यों के कारण मुस्लिम समाज में उनका काफी सम्मान था । वे सूफी विचारधारा के प्रचार-प्रसार में अहम योगदान देते थे । उनके इसी सम्मान का राजनीतिक लाभ लेने के लिए विधायक रफीक खान ने पुलिस अधिकारियों की अपील को दरकिनार कर भीड़ एकत्रित की । विधायक ने लोगों के बीच यहां तक कहा कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमारे पक्ष में है तो पुलिस प्रशासन क्या कर लेगा । हालांकि गहलोत ने विधायक की इस टिप्पणी पर नाराजगी जताई है।

मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि शहर के अधिकांश मौलवी कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए रफअत अली का शव दफनाना चाहते थे । लेकिन विधायक ने अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में युवाओं को अपने साथ लिया और फिर भीड़ जनाजे में शामिल हो गई,जिसे उस वक्त रोक पाना संभव नहीं था । कांग्रेस के एक और विधायक आमिन कागजी भी जनाजे में शामिल हुए,लेकिन वे इस दौरान कुछ ही मिनट रूके । प्रबुद्धजनों का कहना है कि समाज के वोटबैंक को अपने पक्ष में करने के लिए विधायक के इशारे पर भीड़ जुटी ।

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