Rajasthan BJP : वसुंधरा राजे की अजमेर और पुष्कर यात्रा से भाजपा संगठन की ना-राजी आई सामने, पदाधिकारी रहे दूर

श्याम सुंदर शर्मा को राजे ने राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष तो हेड़ा को अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया था। पीटीईटी परीक्षाओं का समन्वयक बने सारस्‍वत। शक्ति प्रदर्शन की कोई कसर नहीं छोड़ी - राजे। राष्ट्रीय स्तर पर सक्रियता नहीं दिखाई। संगठन स्तर पर खींचतान कौन हो सीएम।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 11:19 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:19 PM (IST)
Rajasthan BJP : वसुंधरा राजे की अजमेर और पुष्कर यात्रा से भाजपा संगठन की ना-राजी आई सामने, पदाधिकारी रहे दूर
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की रजामंदी नहीं होने के बाद व्यक्तिगत अपना आधार संभालने प्रदेश में धार्मिक दौरे पर हैं।

 जासं, अजमेर, 26 नवम्बर()। पूर्व मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार एवं वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे की 26 नवंबर को अजमेर और पुष्कर यात्रा से भाजपा संगठन की ना-राजी सामने आ गई। यह बात दीगर रही कि राजे के समर्थकों ने जगह जगह शानदार स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने जोश दिखाया है। राजे के दस वर्ष के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जिन नेताओं ने लाभ का पद अथवा संगठन में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई उन्होंने राजे की यात्रा को कामयाब बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। फिर भी भाजपा संगठन के प्रमुख पदाधिकारी राजे की अजमेर यात्रा से दूर रहे।

श्याम सुंदर शर्मा को राजे ने अध्‍यक्ष बनाया था

पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक कालीचरण सराफ, वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर शर्मा, बीपी सारस्वत, शिवशंकर हेड़ा आदि ने राजे की यात्रा को लेकर जोरदार तैयारी की। श्याम सुंदर शर्मा को राजे ने राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष तो हेड़ा को अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया था। इसी प्रकार सराफ को चिकित्सा विभाग से हटाए जाने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर बनाए रखा।

पीटीईटी परीक्षाओं का समन्वयक बने सारस्‍वत

सारस्वत एमडीएस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे, लेकिन फिर भी उन्हें छह वर्ष तक अजमेर देहात भाजपा का अध्यक्ष बनाए रखा गया। राजे के दिशा निर्देशों पर ही सारस्वत को पीटीईटी जैसी राज्य स्तरीय परीक्षाओं का समन्वयक भी बनाया गया। यानी राजे के कार्यकाल में जो नेता ओबलाइज हुए उन्होंने राजे की यात्रा को पूरी निष्ठा के साथ सफल बनाया।

राजे ने शक्ति प्रदर्शन की कोई कसर नहीं छोड़ी

राजे का कहना है कि यह उनकी व्यक्तिगत धार्मिक यात्रा है, लेकिन राजे की यात्रा का पूरा माहौल राजनीतिक रहा। राजे ने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने शक्ति प्रदर्शन की कोई कसर नहीं छोड़ी। राजे पुष्कर से सड़क मार्ग से अजमेर तक आई इस दौरान जगह जगह उनका स्वागत किया गया। पुष्कर में राजे का शानदार स्वागत करने में पालिका अध्यक्ष कमल पाठक की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

राष्ट्रीय स्तर पर राजे ने सक्रियता नहीं दिखाई

पाठक ने भी पुष्कर में राजे का शानदार स्वागत करवाया। राजे के समर्थक कह सकते हैं कि उन्होंने यात्रा को सफल कराया है। लेकिन इससे अनुशासित कही जाने वाली भाजपा की गुटबाजी उजागर हुई है। सब जानते हैं कि राजे मौजूदा समय में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर राजे ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई है। अलबत्ता समय समय पर राजस्थान में शक्ति प्रदर्शन करने में राजे ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।

भाजपा में संगठनस्तर पर भीतरी कसमसाहट

जब से प्रदेश अध्यक्ष के पद पर सतीश पूनिया की नियुक्ति हुई है प्रदेश भाजपा में संगठन स्तर पर भीतरी कसमसाहट देखी जा सकती है। अब जब राजस्थान में विधान सभा चुनाव फिर से आने वाले हैं भाजपा में नेतृत्व को लेकर ताकत प्रदर्शन का खेल शुरू हो गया है। सभी को ध्यान होगा कि पिछले चुनाव में भाजपा की प्रचण्ड बहुमत वाली सरकार जो श्रीमती वसुधरा राजे के नेतृत्व में चुनाव में उतरी थी वह सिमट कर 72 सीटों पर रह गई थी।

संगठन स्तर पर खींचतान, कौन हो सीएम

तब राजनीतिक जानकार सारा दोष सीएम के चेहरे को ही दे रहे थे। राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन होता तो फिर से सरकार बन जाती। अब जब प्रदेश में कांग्रेस की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार है और उसमें भी संगठन स्तर पर खींचतान चल रही है, प्रदेश में परम्परा भी रही है कि यहां कभी सरकार रिपीट नहीं होती तो माना जा रहा है कि आने वाली सरकार भाजपा की ही होगी।

रजामंदी न होने के बाद भी धार्मिक दौरे पर

लिहाजा श्रीमती वसुंधरा राजे एक बार फिर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की रजामंदी नहीं होने के बाद भी व्यक्तिगत स्तर पर अपना आधार संभालने प्रदेश में धार्मिक दौरे पर हैं। इससे व्यक्तिगत स्तर पर किसे नफा और किसे नुकसान होगा यह तो पता नहीं अलबत्ता यह तय है कि जनता के तराजू में भाजपा जैसी अनुशासन वाली पार्टी का चेहरा भी आईना जैसा साफ हो गया है।

ख़्वाजा साहब की दरगाह में की ज़ियारत

श्रीमती राजे ने सूफी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में मख़्मली चादर व अक़ीदत के फूल पेश किए उन्हें दरगाह के ख़ादिम सैयद अफशांन चिश्ती ने ज़ियारत कराई और ओढ़नी ओढ़ा कर दरगाह का तबर्रुक दिया । इस मौके पर पूर्व मंत्री यूनुस खान भी उनके साथ मौजूद थे अजमेर से विधायक अनिता भदेल भी उनके साथ थीं। जियारत के बाद आहाता ऐ नूर में खादिमों द्वारा वसुंधरा राजे को दरगाह शरीफ की तस्वीर भेट की गई।

तोलने के बाद खादिमों द्वारा दुआएँ की

उसके बाद तराजू पर वसुंधरा राजे सिंधिया को तोला गया। तोलने के बाद खादिमों द्वारा दुआएँ की गई। बुलंद दरवाजे पर दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान व नायाब सदर मुनव्वर द्वारा अभिवादन किया गया और कमेटी की ओर से तबर्रुक भी दिया । वसुंधरा राजे ने दरगाह परिसर में मीडिया से दूरी बनाए रखी। दरगाह परिसर से बाहर आते ही निज़ाम गेट पर मीडिया के कुछ सवालों का जवाब दिए।

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