Rajasthan Politics: अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच खींचतान के चलते नहीं हो पाईं संगठनात्मक नियुक्तियां

Rajasthan Politics अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान के चलते एक साल से संगठनात्मक नियुक्तियां नहीं हो पा रही है। जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में न तो अध्यक्ष हैं और न ही कार्यकारिणी हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:49 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:49 PM (IST)
Rajasthan Politics: अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच खींचतान के चलते नहीं हो पाईं संगठनात्मक नियुक्तियां
अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच खींचतान के चलते नहीं हो पाईं संगठनात्मक नियुक्तियां। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान के चलते एक साल से संगठनात्मक नियुक्तियां नहीं हो पा रही है। जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में न तो अध्यक्ष हैं और न ही कार्यकारिणी हैं। प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने 31 जुलाई तक संगठनात्मक नियुक्तियां करने की घोषणा की थी, लेकिन गहलोत और पायलट के बीच सहमति नहीं हो पाने के कारण माकन की घोषणा पर अब तक अमल नहीं हो सका है। आलाकमान के स्तर पर जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करने को लेकर माकन ने विधायकों से फीडबैक लिया। उन्होंने सूची भी तैयार कर ली, लेकिन गहलोत ने 12 नामों पर आपत्ति जता दी। इस कारण घोषणा रोक दी गई।

सूत्रों के अनुसार, अब मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद ही जिला अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में अध्यक्ष व राजनीतिक नियुक्तियों के काम में ज्यादा समय लग सकता है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल पायलट खेमे की बगावत के बाद प्रदेश, जिला व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां भंग कर दी गई थीं। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष पद पर तो गोविंद सिंह डोटासरा की नियुक्ति कर दी गई, लेकिन जिला व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में अध्यक्षों की नियुक्ति अब तक नहीं हो सकी है। विधायकों व वरिष्ठ नेताओं के भरोसे ही जिलों में पार्टी के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से पांच मंत्रियों की छुट्टी होना तय हो गया। पांचों मंत्रियों के खिलाफ विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश प्रभारी अजय माकन से विधायकों ने कहा कि मंत्रियों के यहां दलाल लगे हुए हैं। विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों की सुनवाई नहीं होती, लेकिन दलालों की मर्जी से काम होते हैं। विधायकों की डिजायर रद्दी में फेंक दी जाती है और दलाल तबादला सूची बनाते हैं। दो दिन तक चली विधायकों की रायशुमारी के बाद शुक्रवार को माकन ने पदाधिकारियों की बैठक ली। इस मौके पर अजय माकन ने कहा कि कई मंत्री सरकार से संगठन में काम करने जाएंगे। विधायकों व पदाधिकारियों से मिले फीडबैक का हवाला देते हुए माकन ने कहा कि फेरबदल जल्द होगा, कई मंत्रियों ने संगठन में काम करने की इच्छा जताई है।

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