घूसखोरी मामले को लेकर आरएएस 2018 के परिणाम पर छाए संशय के बादल

आरएएस 2018 के साक्षात्कार पूरे हुए परिणाम का इंतजार। आरपीएससी सदस्य राजकुमारी गुर्जर साक्षात्कार के अंतिम दिनों में रही नदारद। आयोग के कनिष्ठ लेखाकार सज्जन सिंह रंगेहाथों पकड़े गए थे। पूछताछ में राजकुमारी और सेवानिवृत आईपीएस भैंरोसिंह के नाम किए थे उजागर।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 08:33 PM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 08:33 PM (IST)
घूसखोरी मामले को लेकर आरएएस 2018 के परिणाम पर छाए संशय के बादल
आयोग अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव का दावा-इंटरव्यू की प्रक्रिया निष्पक्षता के साथ हुई।

 अजमेर, जासं। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस 2018 के अभ्यर्थियों के साक्षात्कार का काम मंगलवार शाम को पूरा हो गया। आयोग में साक्षात्कार पूर्ण होने के बाद ही परिणाम जारी किए जाने की परम्परा रही है। इस बार परिणाम देर रात तक जारी हो पाएगा या नहीं इसे लेकर संशय बना हुआ है। उम्मीद तो परिणाम जारी होने की ही की जा रही है। क्योंकि आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव पूर्व में कह चुके हैं कि आयोग की ओर से आयोजित साक्षात्कार पर एसीबी की ट्रेप कार्रवाई का कोई असर नहीं होगा।

आयोग के कनिष्ठ लेखाकार सज्जन सिंह रंगेहाथों पकड़े गए थे

गौरतलब है कि आरएएस 2018 के साक्षात्कार से जुड़े मामले में ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने आयोग के कनिष्ठ लेखाकार सज्जन सिंह को एक अन्य सहयोगी के साथ 23 लाख रुपए की नकद घूसराशि सहित रंगेहाथों पकड़ा था। एसीबी को इस ट्रेप कार्यवाही के लिए 22 लाख रुपए नकली चिल्ड्रन बैंक से छपवाने पड़े थे जबकि एक लाख रुपया असली था। आरोपियों ने इस घूस राशि को लेकर एसीबी की रेड का पता चलते हुए समूची राशि पड़ौसी के घर की छत पर फैंक दी थी। एसीबी ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिन्हें 14 जुलाई को रिमांड अवधि समाप्त होने पर फिर से एसीबी की अदालत में पेश किया जाएगा।

राजकुमारी और सेवानिवृत आईपीएस भैंरोसिंह के नाम उजागर

पूछताछ में ही आरोपियों ने इस मामले में आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर और उनके पति सेवा निवृत आईपीएस भैंरोसिंह के नाम उजागर किए थे। आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर का नाम आने के बाद से ही आयोग में चल रही आरएएस साक्षात्कार प्रक्रिया में राजकुमारी गुर्जर ने भाग लेना बंद कर दिया। वे विगत दिनों से आयोग से दूरी बनाए हुए हैं।

आयोग अध्यक्ष का दावा-इंटरव्यू प्रक्रिया निष्पक्षता के साथ हुई

इसी को लेकर समूचे शिक्षा व राजनीतिक जगत में इस बात को लेकर चर्चा बनी हुई है कि राजकुमारी गुर्जर एसीबी की जांच के दायरे में आ रही हैं या नहीं। यह बात दीगर है कि आयोग अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा है कि साक्षात्कार में आयोग के सदस्यों को भी आखिरी दस मिनट पहले ही पता चलता है कि वे साक्षात्कार के किस बोर्ड में बैठने वाले है अथवा नहीं। आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव का दावा है कि आरएएस के 1 हजार 51 पदों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया निष्पक्षता के साथ हुई है।

घूसखोर सज्जन सिंह का आडियो स्क्रिप्ट वायरल, चर्चा शुरू

राजस्थान लोक सेवा आयोग में 23 लाख की रिश्वतखोरी के प्रकरण में आरोपी सज्जन सिंह गुर्जर और शिकायतकर्ता के बीच हुई बातचीत का स्क्रिप्ट वायरल होने के बाद से एसीबी की प्रक्रिया और राजनीति को लेकर घर घर में चर्चा शुरू हो गई है। प्रदेश के संवैधानिक संस्था के कार्मिक को घूस लेते पकड़े जाने के गंभीर मामले में भी एसीबी की कार्यवाही राजनीति से प्रेरित बताई जा रही है। अन्यथा ऐसा कोई कारण नहीं बनता कि आरोपी की रिमांड अवधि पूरी हुई नहीं है, अदालत चालान पेश हुआ ही नहीं और आरोपी से संबंधित ऑडियो स्क्रिप्त अखबारों की सुर्खियां बन रहा है।

पीएम मोदी और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम भी लिया

यह सही है कि एसीबी के अधिकारियों ने ही यह स्क्रिप्त अखबारों को उपलब्ध कराई हो सकती है क्यों कि एसीबी ने ही शिकायतकर्ता का मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाया था। यह ब्यूरो सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन ही काम करता है क्योंकि गृह विभाग भी गहलोत के पास ही है। अदालत में चालान प्रस्तुत करने से पहले यह स्क्रिप्ट अखबार में पहुंचने का राज एसीबी के डीजी बीएल सोनी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही बता सकते हैं। इस स्क्रिप्ट का इसलिए महत्व है कि क्योंकि इसमें पीएम मोदी और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम भी लिया गया है।

वसुंधरा राजे ने राजकुमारी गुर्जर को आयोग सदस्या बनाया

उल्लेखनीय है आयोग की सदस्य और भाजपा की पूर्व नेत्री राजकुमारी गुर्जर को आयोग का सदस्या भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ही बनाया था। गुर्जर के पति भैरो सिंह गुर्जर रिटायर आईपीएस हैं। रिश्वत लेते पकड़ा गया सज्जन सिंह गुर्जर का वायरल ऑडियो में कथन है कि राजकुमारी गुर्जर का सारा काम भैरो सिंह ही करता है और भैरो सिंह के प्रभाव से ही वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री रहते हुए राजकुमारी को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया था। भैरो सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संपर्क में था, क्योंकि वह प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी में तैनात रहा है।

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