Jaipur Literature Festival: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में तीसरे दिन कई विषयों पर हुई चर्चा

Jaipur Literature Festival जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन की शुरुआत राग अहीर भैरव की गूंज के साथ हुई। शास्त्रीय गायक उज्जवल नागर ने राग भैरव जाग रे बंदे के स्वर सुनाए। कोरोना महामारी के कारण इस बार फेस्टिवल का आायोजन वर्चुअल हो रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 08:41 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 08:41 PM (IST)
Jaipur Literature Festival: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में तीसरे दिन कई विषयों पर हुई चर्चा
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में तीसरे दिन कई विषयों पर हुई चर्चा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Jaipur Literature Festival: साहित्य के महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन की शुरुआत राग अहीर भैरव की गूंज के साथ हुई। शास्त्रीय गायक उज्जवल नागर ने राग भैरव जाग रे बंदे के स्वर सुनाए। कोरोना महामारी के कारण इस बार फेस्टिवल का आायोजन वर्चुअल हो रहा है। रविवार को एक सत्र में भारतीय सिनेमा की पुरानी अभिनेत्री देविका रानी के बारे में लेखिका किश्वर देसााई ने मॉडरेटर ज्योति मल्होत्रा के साथ चर्चा की। देविका रानी ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में मॉर्डन वुमन को रिप्रजेंट किया। उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की पहली सफल अभिनेत्री माना जाता है। उन्हें दादा साहेब फाल्के व पद्म श्री अवार्ड मिला। उन्होंने फिल्म प्रोड्यूसर हिमांशू राय के साथ विवाह किया था, लेकिन दोनों के बीच शादी के कुछ सालों बाद से विवाद शुरू हुआ।

यह बात देविका रानी ने द लॉन्गेस्ट किस नामक एक सत्र में किश्वर देसाई से चर्चा करते हुए कही। द लॉन्गेस्ट किस: द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ देविका रानी किताब की लेखिका किश्वर देसाई ने बताया कि मैने देविका पर किताब लिखने का फैसला इसलिए लिया, क्योंकि उस दौर में वे मॉर्डन वुमन को रिप्रेजेंट कर रही थी। वे उस समय की बेहतरीन अदाकारा थी। उन्होंने कभी लोगों की परवाह नहीं की। देसाई ने कहा कि उनके बारे में जानकी मैं काफी प्रभावित हुई थी, इसी कारण मैंने उन पर किताब लिखने का फैसला किया। उस समय शायद ही कोई महिला फिल्म इंडस्ट्री में आने की सोचती होगी। उन्होंने कहा कि जब मैं देविका पर रिसचर्य कर रही थी, तक मुझे उनके लिखे पुराने पत्र मिले, जिन्हें पढ़कर पता चला कि वे कई सालों तक हिमांशू के शोषण की शिकार हुई। रविवार को अन्य सत्रों में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। 

साहित्य के महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शनिवार को कई सत्र हुए। एक सत्र में फिल्म निर्देशक और लेखक विधु विनोद चौपड़ा और स्क्रीन राइटर अभिजात जोशी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि स्वीडिश फिल्म निर्माता इंग्मार बर्गमैन की तीन आज्ञाओं का हम पालन करते हैं। पहला अपनी फिल्म के माध्यम से मनोरंजन करो, दूसरा मनोरंजन करो लेकिन अपने प्राण व आत्मा बेचकर नहीं और तीसरा कि फिल्म ऐसी बनाओ जैसे वह आपकी आखिरी फिल्म हो। चोपड़ा बोले इसी कारण मैं इंटरनेट मीडिया पर नहीं हूं। वहां अपनी अलग इमेज दर्शानी होती है। लेकिन वह खत्म होने के बाद क्या होगा। वे बोले, मैं 68 साल का हूं और बेहद संतुष्ट हूं। एक संस्मरण सुनाते हुए उन्होंने कहा कि एक बार दिल्ली के विज्ञान भवन में अवार्ड के लिए आमंत्रित किया गया। जहां उन्हें अवार्ड में चार हजार रुपये मिलने वाले थे। लेकिन मंच पर भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी ने नकद पैसे की जगह लिफाफे में बंद बांड दिया। 

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