Rajasthan: फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर भू रूपांतरण में छूट

Food Processing Unit अशोक गहलोत का कहना है कि प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने पर किसानों को 10 हेक्टेयर तक जमीन का भू-रूपांतरण कराने की जरूरत नहीं होगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 28 Aug 2020 08:43 PM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2020 08:43 PM (IST)
Rajasthan: फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर भू रूपांतरण में छूट
Rajasthan: फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर भू रूपांतरण में छूट

जागरण संवाददाता, जयपुर। Food Processing Unit In Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने पर किसानों को 10 हेक्टेयर तक जमीन का भू-रूपांतरण कराने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा देने को लेकर काम कर रही है। प्रदेश में डेयरी व फूड प्रोसेसिंग के विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। गहलोत शुक्रवार को भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के करीब 75 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाने वाले आधुनिक तकनीकी युक्त दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट का शिलान्यास करने के बाद बोल रहे थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुए शिलान्यास समारोह में गहलोत ने कहा कि डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों को पूरा प्रोत्साहन देगी।

उन्होंने कहा कि कृषि व पशुपालन ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका का मुख्य आधार है। अगस्त, 2022 तक तैयार होने वाले इस संयंत्र की क्षमता पांच लाख लीटर प्रतिदिन होगी। भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक संघ के चेयरमैन व विधायक रामलाल जाट ने कहा कि इस नए संयंत्र से भीलवाड़ा डेयरी को और मजबूती मिलेगी। पर्यावरण के प्रति अनुकूल, बिजली की बचत तथा अवशीतन में कम लागत आने के कारण इस संयंत्र से दुग्ध उत्पादकों को दूध का बेहतर मूल्य देने में मदद मिल सकेगी। 

गौरतलब है कि कांग्रेस का आंतरिक सियासी संघर्ष खत्म होने के बाद अशोक गहलोत सरकार का कामकाज एक माह बाद फिर पटरी पर आया है। एक माह तक चले कांग्रेस के सियासी संकट के कारण विधानसभा चुनाव में जारी किए गए जन घोषणा-पत्र में किए गए कई महत्वपूर्ण वादों को समय पर पूरा नहीं किया जा सका। जन घोषणा पत्र के अहम बिंदु राइट टू हेल्थ और जवाबदेही कानून जैसे बड़े वादे पूरे नहीं हो सके। जन घोषणा पत्र पर 40 फीसदी ही काम हो पाया है। करीब पौने दो साल के कार्यकाल में गहलोत सरकार ने जन घोषणा-पत्र के 503 में से अब तक 150 वादों को पूरा किया है, जबकि 216 पर काम चल रहा है। अब तक 133 वादों को पूरा करने को लेकर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए।

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