Rajasthan: चार दिन से लापता तीन बहनों के शव मिले

Rajasthan डूंगरपुर-उदयपुर जिले की सीमा क्षेत्र में बने जिले के सबसे बड़े बांध सोमकमला-आंबा में चार दिन से लापता तीन बहनों के शव तैरते मिले। तीनों के हाथ-पैर उनकी चुन्नी से बंधे थे। पुलिस का मानना है कि तीनों बहनों ने सामूहिक आत्महत्या की है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 05:29 PM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 05:29 PM (IST)
Rajasthan: चार दिन से लापता तीन बहनों के शव मिले
राजस्थान में चार दिन से लापता तीन बहनों के शव मिले। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान में डूंगरपुर-उदयपुर जिले की सीमा क्षेत्र में बने जिले के सबसे बड़े बांध सोमकमला-आंबा में चार दिन से लापता तीन बहनों के शव तैरते मिले। तीनों के हाथ-पैर उनकी चुन्नी से बंधे थे। पुलिस का मानना है कि तीनों बहनों ने सामूहिक आत्महत्या की है। तीनों बहनें डूंगरपुर जिले के आसपुर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राएं थीं। सबसे पहले लोगों ने डूंगरपुर तथा उदयपुर जिले के सबसे बड़े बांध सोमकमला-आंबा के गेट नंबर एक पर एक साथ दो युवतियों के शव उतराते मिले। उनके हाथ-पैर आपस में चुन्नियों से बंधे दिखे। इस संबंझ में सूचना मिलते ही आसपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन घटनास्थल के उदयपुर जिले में होने पर संबंधित झल्लारा थाना पुलिस को सूचित किया गया।

झल्लारा थाने से प्रभारी मनीष चारण व पुलिस टीम मौके पर पहुंची। इसी बीच, आसपुर थाने से पता चला कि चार दिन पहले रायकी गांव की तुलसी पत्नी खातु पारगी ने अपनी तीन बेटियों के लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस तुलसी को लेकर घटनास्थल पर आई। तुलसी ने अपनी दोनों बेटियों को पहचान लिया। उनकी पहचान शिल्पा और उसकी छोटी बहन शिवानी के रूप में हुई। उसने अपनी बीच वाली बेटी रवीना के बारे में पूछा। इस पर पुलिस रवीना की तलाश में जुट गई। दो घंटे की पड़ताल के बाद रवीना का शव भी बांध के गेट नंबर छह से बरामद हुआ। तीनों बहनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए सलुम्बर स्थित राजकीय अस्पताल लाया गया। यहां पोस्टमार्टम से पता चला कि तीनों की मौत चार दिन पहले ही हो चुकी थी। पुलिस का कहना है कि तीनों बहनों ने सामूहिक आत्महत्या की है। बांध में कूदने से पहले तीनों ने अपने हाथ-पैर चुन्नी से बांधे तथा आत्महत्या कर ली।

तीनों बहनों की शिक्षा का खर्चा उठा रहे थे आसपुर के तत्कालीन थानाधिकारी

जिन बहनों ने बांध में कूदकर जान दे दी, उनकी शिक्षा का खर्चा आसपुर के तत्कालीन थानाधिकारी रिजवान खान उठा रहे थे। शिल्पा बारहवीं, रवीना दसवीं तथा शिवानी आठवीं की छात्रा थीं और आसपुर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल की छात्राएं थीं। तुलसी ने बताया कि वह अपने पति तथा तीनों बेटियों के साथ अहमदाबाद में मजदूरी करती थी। वहां तीनों ही बेटी सरकारी स्कूल में पढ़ती थी। पति की मारपीट से तंग आकर तुलसी अपने पीहर रायकी बेटियों को लेकर आ गई। उसने अपनी बेटियों के प्रवेश स्थानीय स्कूल में करवाना चाहा लेकिन अहमदाबाद के स्कूल से उसे टीसी नहीं मिल पा रही थी। इसका पता थानाधिकारी रिजवान खान को लगा तो उन्होंने थाने के एक कांस्टेबल को अहमदाबाद भेजा तथा तीनों ही बच्चियों की टीसी मंगवाई। उन्होंने तीनों बहनों के ना केवल स्कूल में एडमिशन करवाए, बल्कि तीनों की शिक्षा का खर्चा भी वहन कर रहे थे।

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