Rajasthan: मंत्री ने आइएएस अफसर को ऑफिस न आने की दी चेतावनी

Rajasthan राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि वे तब तक पर्यटन भवन नहीं जाएंगे जब तक मामले को लेकर यह तय नहीं कर लिया जाए कि राजस्थान में पर्यटन का बॉस कौन है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 01:37 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 06:58 PM (IST)
Rajasthan: मंत्री ने आइएएस अफसर को ऑफिस न आने की दी चेतावनी
Rajasthan: मंत्री ने आइएएस अफसर को ऑफिस न आने की दी चेतावनी

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और राज्य पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के महाप्रबंधक केबी पंड्या के बीच एक टेंडर को लेकर चल रहा विवाद अब सार्वजनिक हो गया है। विश्वेंद्र सिंह ने टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे से शिकायत की है। विश्वेंद्र सिंह राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री हैं और पंड्या आइएएस अधिकारी हैं। आरटीडीसी में लाइट एंड साउंड शो के 45 करोड़ के टेंडर को लेकर मचे बवाल पर पर्यटन मंत्री ने खासी नाराजगी जाहिर की है।

विश्वेंद्र सिंह ने महाप्रबंधक के रवैये पर नाराजगी जताते कहा कि वे तब तक पर्यटन भवन नहीं जाएंगे, जब तक मामले को लेकर यह तय नहीं कर लिया जाए कि राजस्थान में पर्यटन का बॉस कौन है। उन्होंने कहा कि अधिकारी सरकारी पैसे का दुरुपयोग करना चाहते हैं, जो नहीं होने दिया जाएगा। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि लाइंट एंड साउंड शो के टेंडर में शर्तें ऐसी डिजाइन की गईं है कि किसी एक ही कंपनी को उसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्री रहते हुए मैं ऐसा गलत काम नहीं होने दे सकता।

उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री को पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया। अधिकारियों का गलत रवैया बर्दास्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि टेंडर में गलती हो रही है, विधानसभा में यदि यह मामला उठता है तो वहां मुझे जवाब देना होगा। मैँ गलत काम नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के कामकाज का तरीका गलत है, सरकार गुड गवर्नेंस देना चाहती है और अधिकारियों का रवैया सही नहीं है।

10 स्थानों के लिए 45 करोड़ का प्रोजेक्ट

विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि कि वे तब तक पर्यटन भवन नहीं जाएंगे, जब तक मामले में तय नहीं होता कि राजस्थान में टूरिज्म का बॉस कौन है। मंत्री के नाते विभाग का बॉस मैं हूं या फिर अफसर। विश्वेंद्र सिंह का कहना है कि 45 करोड़ का यह टेंडर ट्रांसपेरेंट नहीं है। आरटीडीसी महाप्रबंधक इसमें पारदर्शिता नहीं बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें करप्शन की बू आ रही है।

उल्लेखनीय है कि 45 करोड़ की लागत से उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र, जैसलमेर में गढ़ीसर लेक, जयपुर के सांभर, धौलपुर के मच्छ-कुड, मेड़ता के मीरा मंदिर, चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर,चित्तौड़गढ़ फोर्ट, जयपुर के जयनिवास उधान, अलवर और कुंभलगढ़ फोर्ट में लाइट एंड साउंड शो लगाया जाना है। 

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