Farmers Protest: किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को राजभवन पर प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
Farmers Protest कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने कहा कि प्रदेश पदाधिकारियों को तत्काल जिलों में जाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी देने को लेकर योजना बनाई गई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस 15 जनवरी को जयपुर स्थित राजभवन के समक्ष प्रदर्शन करेगी। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में यह प्रदर्शन होगा। इसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जुटाने की जिम्मेदारी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और प्रदेश पदाधिकारियों को सौंपी गई है। रविवार को जयपुर में हुई प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक के बाद राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि प्रदेश पदाधिकारियों को तत्काल जिलों में जाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी देने को लेकर योजना बनाई गई है। प्रदेश से लेकर जिला व ब्लॉक स्तर पर सत्ता व संगठन में 30 हजार नियुक्तियां होनी हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों से कहा गया कि वे जिला व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों के नामों के पैनल दो से तीन सप्ताह में तैयार कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सौंप दे। उन्होंने कहा कि सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों का काम शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। माकन ने कहा कि मंत्रियों व पदाधिकारियों को आमजन की सुनवाई कर राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रियों व पदाधिकारियों को नियमित रूप से अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करना होगा। मंत्रियों को जिलों के दौरे पर जाते समय संगठन को सूचना देनी होगी। डोटासरा ने प्रदेश भाजपा में बढ़ रही गुटबाजी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के कुछ दिन में टुकड़े होने वाले हैं। भाजपा की राजस्थान इकाई टूट के कगार पर है। प्रदेश में भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाने में नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सत्ता व संगठन में पूरा मान सम्मान रखा जाएगा।
वहीं, प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार पर निधाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ माह में किसान आंदोलन कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड में भी किसान गांधीवादी तरीके से अपनी मांगों को लेकर डटे हैं। खुले में किसान अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। नौ बार सरकार से किसानों की बात हो चुकी, जो बेनतीजा रही है। सरकार सिर्फ किसानों को थकाना चाहती है।