कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह की बढ़ी मुश्किल, गिरफ्तारी वारंट जारी; जाने क्‍या है मामला

सम्‍पत्ति विवाद को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व अलवर राजपरिवार के सदस्य जितेंद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जितेंद्र सिंह को फर्जी डीड के आधार पर ट्रस्ट बनाने के मामले में गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:45 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:45 AM (IST)
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह की बढ़ी मुश्किल, गिरफ्तारी वारंट जारी; जाने क्‍या है मामला
जितेंद्र सिंह को फर्जी डीड के आधार पर ट्रस्ट बनाने के मामले में गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है।

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में बूंदी जिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व अलवर राजपरिवार के सदस्य जितेंद्र सिंह को फर्जी डीड के आधार पर ट्रस्ट बनाने के मामले में गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है। जितेंद्र सिंह ने साथ बृजराज सिंह व बूंदी के पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथ सिंह को भी 6 जनवरी, 2022 को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं। इससे पहले भी उन्हें तलब किया गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे थे । ऐसे में गिरफ्तारी वारंट से पेश होने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में जितेंद्र सिंह से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सके।

यह है मामला

बूंदी पूर्व राजपरिवार के सदस्य रणजीत सिंह ने पहले खुद के हिस्से की सम्पति की वसीयत अपने मित्र अविनाश के नाम की थी । रणजीत सिंह की मौत के बाद उनके भांजे जितेंद्र सिंह ने एक ट्रस्ट डीड सार्वजनिक की। इसमें रणजीत सिंह ने अपनी सम्पति की ट्रस्टी डीड बनाकर उसे आशापुरा माता मंदिर को समर्पित कर दी। वसीयत के अनुसार मंदिर का मुख्य सेवारत जितेंद्र सिंह को बनाया गया था । इस आधार पर रणजीत सिंह की सम्पति ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दी गई। इस डीड को अविनाश ने फर्जी बताते हुए कोर्ट में अपील की थी। अविनाश के वकील कानसिंह राठौड़ ने कहा कि जितेंद्र सिंह ने दिसम्बर 2008 ट्रस्ट की डीड बनना बताया है। जबकि उससे पहले 8 मई, 2008 को उच्च न्यायालय में जितेंद्र सिंह ने अपने मामा रणजीत सिंह के खिलाफ सम्पति विवाद मामले में अवमानना याचिका दायर की थी। जिसमें रणजीत सिंह को जेल भेजने की अपील की थी। न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था। उसी दौरान रणजीत सिंह ने न्यायालय में शपथ पत्र देकर कहा था कि मेरी और जितेंद्र सिंह सम्पति का बंटवारा कर दिया जाए। जितेंद्र सिंह ने रणजीत सिंह से अपनी मां का हिस्सा मांगा था। इसी साल जितेंद्र सिंह ने रणजीत सिंह की ओर से सम्पति की ट्रस्ट डीड बनना बताया । इस डीड में जितेंद्र सिंह को मुख्य सेवारत मनोनीत किया गया।

कानसिंह ने बताया कि उन्होंने इसी आधार पर न्यायालय में अपना पक्ष रखा था कि एक तरफ तो जितेंद्र सिंह अपने मामा को जेल भेजने की अपील कर रहे हैं। उसी समय उनके मामा जितेंद्र सिंह के हाथ में कैसे ट्रस्ट सौंप सकते हैं। अविनाश ने ट्रस्ट डीड को फर्जी बताते हुए साल,2017 में बूंदी कोतवाली पुलिस थाना में जितेंद्र सिंह व दो अन्य के खिलाफ फर्जी ट्रस्ट डीड बनाने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले को अंतिम रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिया। पुलिस ने न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी। इस पर अविनाश ने न्यायालय में पुलिस द्वारा लगाई गई अंतिम रिपोर्ट को चुनौती दी थी। इस पर शुक्रवार को बहस सुनने और दस्तावेजों के आधार पर बूंदी जिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय ने जितेंद्र सिंह व दो अन्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 और 471 में गिरफ्तारी वांरट जारी कर तलब किया है।

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