Rajasthan Bypoll: राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस को सत्ता और भाजपा को पोलिंग बूथ मैनेजमेंट से उम्मीद

Rajasthan Bypoll राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस को सत्ता और भाजपा को पोलिंग बूथ मैनेजमेंट से उम्मीद है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी प्रत्याशी मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है। तीनों सीटों पर 17 अप्रैल को मतदान होने वाला है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 02:42 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 02:42 PM (IST)
Rajasthan Bypoll: राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस को सत्ता और भाजपा को पोलिंग बूथ मैनेजमेंट से उम्मीद
राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस को सत्ता और भाजपा को पोलिंग बूथ मैनेजमेंट से उम्मीद। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan Bypoll: राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों पर हो रहे चुनाव अभियान में गति आती जा रही है। सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा मतदाताओं के पास पहुंचने की जद्दोजहद में जुट गए हैं। कांग्रेस को सत्ता और भाजपा को पोलिंग बूथ मैनेजमेंट से उम्मीद है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी प्रत्याशी मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है। 17 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार अभियान चरम पर पहुंच गया है। कांग्रेस को सत्ता में रहने का फायदा चुनाव में मिलने की उम्मीद है। इसी के तहत चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पूर्व अशोक गहलोत सरकार ने तीनों क्षेत्रों में विकास कार्यों की बड़ी घोषणाएं की हैं। इनमें से कुछ पर काम भी शुरू हो गया।

चुनाव अभियान की पूरी कमान सीएम गहलोत के हाथ में है। उन्होंने अपने विश्वस्त मंत्रियों और नेताओं को तीनों चुनाव क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है। इनसे कहा गया कि मतदान संंपन्न होने तक उन्हें वहीं रहना होगा। जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पार्टी के नेताओं के साथ ही विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों को कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। कांग्रेस चुनाव में लोगों को एकजुटता दिखाने में जुटी है। इसी रणनीति के तहत गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन संयुक्त रूप से तीनों क्षेत्रों में एक-एक सभा कर चुके हैं। तीन में से दो क्षेत्रों में गुर्जर समाज की बहुलता को देखते हुए पायलट को आगे रखने की योजना है। अब फिर ये सभी नेता अलग-अलग दौरा करेंगे।

उधर, भाजपा को संगठन के पोलिंग बूथ मैनेजमेंट और गहलोत सरकार के ढा़ई साल के कार्यकाल से लोगों की नाराजगी पर भरोसा है। चुनाव घोषित होने के दो माह पहले से ही भाजपा ने पोलिंग बूथ स्तर पर संगठन की कमेटियां गठित कर दी थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के साथ भाजपा नेता लगातार लोगों के बीच जाकर भ्रष्टाचार व अपराधों सहित विभिन्न मामलों को लेकर गहलोत सरकार को विफल बताने में जुटे हैं। भाजपा में वर्तमान नेतृत्व ने प्रत्याशी तय करने से लेकर अब तक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दरकिनार कर रखा है। प्रत्याशियों के नामांकन-पत्र दाखिल करने के दौरान प्रदेश से केंद्र में मंत्री और वरिष्ठ नेता सभाओं को संबोधित कर के आए, लेकिन वसुंधरा राजे को नहीं बुलाया गया। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने भी सुजानगढ़ में सभा को संबोधित किया। भाजपा में पूरी कमान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, संगठन महासचिव चंद्रशेखर, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया व राजेंद्र राठौड़ के हाथ में हैं। उल्लेखनीय है कि सुजानगढ़, राजसमंद व सहाड़ा में उप चुनाव हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के पक्ष में प्रचार कर चुके हैं।

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