कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बाल संरक्षण आयोग गंभीर, बच्चों के बचाव के लिए की सुरक्षा गाइडलाइन जारी
कोरोना रोकथाम हेतु टीकाकरण की व्यवस्था बच्चों हेतु नहीं की गई है इस स्थिति में तीसरी लहर से बच्चों में संक्रमण ना हो इसके लिए राजस्थान बाल संंरक्षण आयोग ने गम्भीीरत दिखाते हुए बचाव के लिए सुरक्षात्मक गाइडलाइन जारी की है जिससे बच्चों को इसके दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
जोधपुर, जागरण संवाददाता। कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर है जिसने सम्पूर्ण भारत में अत्यधिक चिन्ताजनक परिस्थितियां उत्पन्न कर दी हैं एवं यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा आशंका जताई गई है कि बच्चों में भी संक्रमण की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं वर्तमान में कोरोना रोकथाम हेतु टीकाकरण की व्यवस्था बच्चों हेतु नहीं की गई है, इस स्थिति में तीसरी लहर से बच्चों में संक्रमण ना हो इसके लिए राजस्थान बाल संंरक्षण आयोग ने गम्भीीरत दिखाते हुए बचाव के लिए सुरक्षात्मक गाइडलाइन जारी की है, जिससे बच्चों को इसके दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने प्रदेश के समस्त जिला कलक्टर को निर्देशित किया है कि वे अपने स्तर पर कमेटी गठित कर इन अस्पतालों में बच्चों से संबंधित आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करावें ताकि यदि बच्चों में संक्रमण की स्थिति उत्पन्न होती है तो अस्पतालों मे सुविधाओं का अभाव ना हो। इसके साथ जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ,सदस्यों द्वारा जिले के शिशु अस्पतालों , सामान्य अस्पतालों के शिशु वार्ड में वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, चिकित्सक / नर्सिंग कर्मी जैसी आधारभूत सुविधाओं का निरीक्षण कर व्यवस्थये सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये। इसके साथ ही प्रदेश के बच्चों से संबंधित सभी संस्थाओं, बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों आदि में पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था व उपखण्ड, ब्लॉक ,ग्राम समिति स्तर पर बच्चों के लिए डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाये जायें ताकि यदि संक्रमित बच्चों को वहां भर्ती कर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। इसके अलावा संस्थाओं में आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना से संबंधित गंभीरता से जाँच हो उसके पश्चात ही उसे अन्दर प्रवेश करवाया जाये ।
आयोग ने बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक मजबूत करने हेतु उन्हें संतुलित भोजन एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, फल इत्यादि उपलब्ध करवाने के सम्बंध में निर्देशित किया है। इसके साथ ही बालको में अन्य बीमारियों संबधित वेक्सीनेशन, दवाइयों और चिकित्सा व्यवस्था संबधी सभी रिकार्ड संधारित करने के निर्देश दिए हैं।