Rajasthan: अशोक गहलोत ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री को लिखा पत्र- समर्थन मूल्य पर धान की खरीद शीघ्र हो शुरू

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि हनुमानगढ़ जिले के घग्गर बेल्ट में बासमती धान की फसल में बीमारी लगने के बाद पिछले 2 वर्षों से किसान बासमती के स्थान पर परमल धान की बुआई कर रहे हैं। उस क्षेत्र में परमल धान का उत्पादन काफी अधिक हो रहा है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 02:05 PM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 02:05 PM (IST)
Rajasthan: अशोक गहलोत ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री को लिखा पत्र- समर्थन मूल्य पर धान की खरीद शीघ्र हो शुरू
अशोक गहलोत ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री को लिखा पत्र

नई दिल्ली/जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर आग्रह किया कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान की खरीद शीघ्र शुरू की जाए, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके और उन्हें आर्थिक नुकसान नहीं हो।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर जिले में वर्ष 2021-22 के दौरान 2.62 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन होने का अनुमान है। ऎसे में समर्थन मूल्य पर 50 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य आवंटित करते हुए एफसीआई को क्रय एजेंसी नियुक्त करते हुए बारदाना सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं।

उन्होंने लिखा है कि भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का नीतिगत लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। समर्थन मूल्य पर कृषि जिंसों की खरीद का सीधा प्रभाव किसानों की आय पर पड़ता है। इस वर्ष धान की खरीद अभी तक शुरू नहीं होने से लागत में बढ़ोतरी की मार झेल रहे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि हनुमानगढ़ जिले के घग्गर बेल्ट में बासमती धान की फसल में बीमारी लगने के बाद पिछले 2 वर्षों से किसान बासमती के स्थान पर परमल धान की बुआई कर रहे हैं। उस क्षेत्र में परमल धान का उत्पादन काफी अधिक हो रहा है। पिछले वर्ष परमल धान का समर्थन मूल्य 1888 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि बाजार भाव 1400 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल रहा। समर्थन मूल्य पर धान की खरीद नहीं से किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ।

वर्ष 2021-22 में धान का समर्थन मूल्य 1960 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि बाजार में धान 1650 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। समर्थन मूल्य पर जल्दी खरीद शुरू नहीं की गई तो इन किसानों को पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।  

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