पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तौलने के लिए बचा डेढ़ करोड़ से अधिक का सोना भी CGST को मिला

सीजीएसटी (CGST) के अधिकारियों ने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) को तौलने के लिए रखा गया पूरा सोना (Gold) प्राप्‍त कर लिया है। अधिकारियों ने गुरुवार रात एक करोड़ 62 लाख 984 रुपए का 3 किलो 264 ग्राम सोना भी प्राप्त कर लिया।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 01:00 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 01:00 PM (IST)
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तौलने के लिए बचा डेढ़ करोड़ से अधिक का सोना भी CGST को मिला
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तौलने के लिए बचा सोना भी CGST को मिला

उदयपुर, जागरण संवाददाता। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार सीजीएसटी को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तौलने के लिए रखा गया सोने की पूरी सुपुर्दगी मिल गई। सीजीएसटी के अधिकारियों ने गुरुवार रात एक करोड़ 62 लाख 984 रुपए का 3 किलो 264 ग्राम सोना भी प्राप्त कर लिया। इससे पहले सीजीएसटी 13 सितम्बर को 32 करोड़ रुपए का 64 किलो 600 किलो सोना प्राप्त कर चुकी थी।

अदालत ने प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तौलने के लिए उदयपुर के जिला कलक्टर के मालखाने में जमा सोने को सीजीएसटी के हवाले करने के आदेश दिए थे लेकिन जमा खाते में दर्ज नंबर तथा सोने के बिस्कुट के वजन में अंतर को लेकर तीन किलो 264 ग्राम सोने की सुपुर्दगी अटक गई थी। इसके बाद सीजीएसटी के अधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल ने कोर्ट में सोने की सुपुर्दगी के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था। कोर्ट ने मालखाना प्रभारी को सोना सीजीएसटी को सुपुर्द करने के आदेश दिए थे।

कहां से आया इतना सोना

बताया जाता है कि उक्त सोना छोटी सादड़ी के एक कारोबारी ने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के छोटी सादड़ी के दौरे पर आने पर उन्हें तौलने के लिए दिया था लेकिन इस बीच शास्त्रीजी की मौत ताशकंद में हो गई और वह छोटी सादड़ी नहीं आ पाए। तब यह सोना पुलिस ने जब्त कर लिया और अदालत के आदेश पर उदयपुर जिला कलक्टर के मालखाने में जमा करा दिया गया। तब चित्तौड़गढ़ जिले का गठन नहीं हुआ और वह उदयपुर जिले में ही आता था।

9 दिसम्बर 1965 को छोटी सादड़ी के गुणवंत लाल आंजना ने सोना सुपुर्द करने वाले परिवार के सदस्य गणपत आंजना सहित तीन व्यक्तियों के खिलाफ चित्तौड़गढ़ में शास्त्रीजी के वजन के बराबर 56 किलो 863 ग्राम सोना नहीं लौटाने का मुकदमा दर्ज कराया था। जबकि सोना उदयपुर जिला कलक्ट्रेट के मालखाने में जमा था। गुणवंत लाल आंजना इस सोने पर अपने हक को लेकर कोई सबूत नहीं दे पाए। बाद में सीजीएसटी ने इस सोने को राष्ट्रीय संपत्ति मानकर इस पर अपना हक जताते हुए अदालत में वाद पेश किया और अदालत ने सीजीएसटी के पक्ष में फैसला सुनाया था।

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