Rajasthan: मार्च में पांच पुलिस अफसरों पर लगा दुष्कर्म का आरोप, भाजपा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

Rajasthan राजस्थान में मार्च में पांच पुलिस अफसरों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। भाजपा ने इन मामलों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि हर मामले में कड़ी कार्रवाई हुई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 05:33 PM (IST) Updated:Sun, 04 Apr 2021 05:33 PM (IST)
Rajasthan: मार्च में पांच पुलिस अफसरों पर लगा दुष्कर्म का आरोप, भाजपा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
मार्च में पांच पुलिस अफसरों पर लगा दुष्कर्म का आरोप, भाजपा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना। फाइसल फोटो

जयपुर, नरेंद्र शर्मा। Rajasthan: राजस्थान में मार्च में पुलिस अफसरों द्वारा महिलाओं के साथ दुष्कर्म से जुुड़े पांच मामले सामने आ चुके हैं। तीन मामलों में दुष्कर्म करने और दो में प्रयास के आरोप लगे हैं। अब प्रदेश में यह सवाल उठने लगा है कि उत्तर प्रदेश, बिहार में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार से इस मामले में सवाल क्यों नहीं पूछ रहे हैं। यहां महिला उत्पीड़न के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विधानसभा सत्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ ही भाजपा के विधायक भी महिला उत्पीड़न को लेकर सरकार को घेर चुके हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महिला सशक्तिकरण का नारा देते हैं, लेकिन न्याय के लिए आई महिलाओं के साथ ही दुष्कर्म किया गया। किसी पुलिस अधिकारी थाना परिसर में बने अपने क्वार्टर में दुष्कर्म किया तो किसी ने छुट्टी दिन अपना दफ्तर खुलवा कर महिला की इज्जत लूटने का प्रयास किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत के राज में राजस्थान रेपिस्तान हो गया। वहीं, प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि सामने आते ही सरकार ने हर मामले में कठोर निर्णय लिया है।

महिला दिवस के दिन सामने आया एक मामला

मार्च के पहले सप्ताह में सबसे पहले अलवर जिले के खेड़ली पुलिस थाना परिसर में बने सरकारी क्वार्टर में सहायक उप निरीक्षक भरत सिंह ने महिला के साथ तीन दिन तक दुष्कर्म किया। महिला अपने पति के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची तो भरत सिंह ने उसे विश्वास दिलाया कि वह दोनों पति-पत्नी के बीच समझौता कराने का प्रयास करेगा। पति महिला को तलाक देना चाहता था, लेकिन वह ऐसा नहीं चाहती। भरत सिंह विश्वास में लेकर दो से तीन मार्च तक लगातार तीन दिन तक थाना परिसर में बने सरकारी क्वार्टर में महिला के साथ दुष्कर्म करता रहा। यह मामला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च सार्वजनिक हुआ। हालांकि इस मुद्दे को लेकर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हंगामा हुआ तो सरकार ने सहायक उप निरीक्षक को गिरफ्तार करने के साथ ही डेढ़ दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई।

जानें, कब-कहां हुईं घटनाएं

इससे पहले दो मार्च को अलवर शहर के अरावली विहार पुलिस थाने में तैनात पुलिसकर्मी रामजीत गुर्जर पर दुष्कर्म का आरोप लगा था, वह निलंबित है। इसी तरह बड़ौदा मेव पुलिस थाने में तैनात पुलिस कांस्टेबल मंगतूराम पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप एक कोचिंग छात्रा ने लगाया था। मंगतूराम को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, चौथा मामला रविवार को सामने आया जब भरतपुर जिले के कामां पुलिस थाने में तैनात कमरूद्दीन के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगा है। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र विश्नोई ने कमरूद्दीन को लाइन हाजिर कर दिया है। इस मामले में आरोप लगाने वाली महिला का कहना है कि वह जमीन व अन्य विषयों को लेकर गांव के आपसी झगड़े के मामले में पुलिस थाने में मामला दर्ज कराने गई थी। थाना अधिकारी ने उसे दूसरे दिन बुलाया और फिर दुष्कर्म का प्रयास किया।

अफसर ने छुट्टी के दिन खुलवाया दफ्तर

जयपुर के महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में तैनात राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी कैलाश बोहरा ने मार्च की 14 मार्च को सरकारी अवकाश होने के बावजूद अपने दफ्तर में एक महिला को बुलाया। खुद सिविल ड्रेस में निजी कार से पहुंचा और दफ्तर बंद कर के महिला के साथ अभ्रद व्यवहार करने लगा। इसी दौरान सूचना मिलने पर राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम मौके पर पहुंची तो बोहरा को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा। सरकार ने उसे बर्खास्त कर दिया है। इस मामले के अनुसार, एक पीड़िता ने अपने साथ पूर्व में हुए दुष्कर्म के मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उस मामले की जांच के बहाने बोहरा ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। 

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