Rajasthan: फर्जीवाड़ा कर पत्नी को सरपंच बनाने वाले भाजपा विधायक को जमानत

Rajasthan 2015 में विधायक अमृतलाल मीणा ने अपनी पत्नी शांता देवी को सराड़ा तहसील की सेमारी ग्राम पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ाया था। इस चुनाव में शांता देवी ने जीत दर्ज की लेकिन उनकी प्रतिद्वंद्वी सुगना देवी ने शांता देवी के खिलाफ फर्जी मार्कशीट पर चुनाव लड़ने आरोप लगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 06:12 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 07:49 PM (IST)
Rajasthan: फर्जीवाड़ा कर पत्नी को सरपंच बनाने वाले भाजपा विधायक को जमानत
फर्जी मार्कशीट पर पत्नी को चुनाव लड़वाने के मामले में भाजपा विधायक की जमानत। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान हाईकोर्ट ने फर्जी अंकतालिका के जरिए पत्नी को सरपंच का चुनाव लड़वाने के मामले में उदयपुर जिले के सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद पिछले दस दिन से सलूंबर की उप जिला जेल में न्यायिक हिरासत में रहे सलूंबर विधायक को शुक्रवार को रिहाई होने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा ने गत 12 जुलाई को सराड़ा कोर्ट में सरेंडर किया था। उसी दिन विधायक मीणा की जमानत अर्जी पर सुनवाई इसी कोर्ट में हुई थी, लेकिन अदालत ने उनकी अर्जी खारिज करते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद विधायक मीणा की ओर से सलूंबर स्थित अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी लगाई गई थी और अदालत ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद विधायक ने अपने वकील के जरिए राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर का रुख किया। यहां गुरुवार को उनको राहत भरी खबर मिली। अदालत के फैसले की प्रति मिलने के बाद विधायक मीणा की रिहाई हो जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार को फैसले की प्रति मिलने के बाद ही उनकी रिहाई होगी।

फर्जी मार्कशीट पर पत्नी को लड़ाया था सरपंच का चुनाव

2015 में विधायक अमृतलाल मीणा ने अपनी पत्नी शांता देवी को सराड़ा तहसील की सेमारी ग्राम पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ाया था। इस चुनाव में शांता देवी ने जीत दर्ज की, लेकिन उनकी प्रतिद्वंद्वी सुगना देवी ने शांता देवी के खिलाफ फर्जी मार्कशीट पर चुनाव लड़ने आरोप लगा। जांच में पता चला कि शांता देवी ने फर्जी अंकतालिका के जरिए ही चुनाव लड़ा, वहीं उनकी जारी पांचवीं पास की अंकतालिका में अभिभावक की जगह विधायक अमृतलाल के हस्ताक्षर पाए गए। इस कारण शांता देवी के साथ विधायक के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। इसकी जांच सीआइडी-सीबी ने की।  प्रारंभिक जांच में विधायक को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए विधायक मीणा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे, लेकिन उच्चतम अदालत ने आरोपित विधायक को निचली अदालत में सरेंडर करने की सलाह दी थी।  

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