Rajasthan: अशोक तंवर बोले, कांग्रेस ब्लैकमेलरों की पार्टी बन गई
Rajasthan हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक तंवर ने कहा कि अब यह ब्लैकमेलर्स की पार्टी बन गई है। इसमें निष्ठावान और शरीफ लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। शनिवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए तंवर ने कहा कि कांग्रेस में जो नेता ब्लैकमेल करेगा।
जागरण संवाददाता, जयपुर। अपना भारत मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक अशोक तंवर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी एक दिन खत्म हो जाएगी। कांग्रेसी आपस में ही लड़कर मर जाएंगे। कांग्रेस के कई नेता भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस का जी-23 समूह गद्दारों का ग्रुप है। यह समूह कांग्रेस को कमजोर करने में जुटा है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे तंवर ने कहा कि अब यह ब्लैकमेलर्स की पार्टी बन गई है। इसमें निष्ठावान और शरीफ लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। शनिवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए तंवर ने कहा कि कांग्रेस में जो नेता ब्लैकमेल करेगा, जितना दबाव बनाएगा उसे उतना ही फायदा मिलेगा। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह, हरियाणा के भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हिमाचल में वीरभद्र सिंह ने दबाव बनाकर ही पार्टी पर कब्जा जमाया।
उनके मुताबिक, राजस्थान में भी कांग्रेस के बहुत से ऐसे नेता है, जो भाजपा को ताकत देने में जुटे हैं। इस कारण यहां भाजपा ताकतवार हो रही है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की खींचतान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों के बीच समन्वय बनाने की जिम्मेदारी प्रभारी महासचिव की होती है, लेकिन अब प्रभारी महासचिव खुद ही किसी एक नेता के एजेंट बन गए। तंवर ने अपना भारत मोर्चा को हरियाणा के बाद राजस्थान में सक्रिय करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। राजस्थान में मोर्चा शीघ्र ही विस्तृत रूप लेगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के समूह जी-23 की तर्ज पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने जी-19 बनाया है, जो कांग्रेस आलाकमान के समक्ष चुनौती पैदा कर सकता है। दरअसल, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने जिस तरह पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को स्टार प्रचारक और ऐसेट बताया, उससे गहलोत खेमे ने अपनी रणनीति बदली है। ऐसे में जी-19 के जरिये पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाएगा जाएगा। दरअसल, माकन के बयान के बाद गहलोत खेमे को लगने लगा है कि अगले कुछ दिनों में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी या महासचिव प्रियंका गांधी पायलट समर्थकों को सरकार में भागीदारी देने के लिए कह सकते हैं। ऐसे में गहलोत खेमे ने सरकार को समर्थन कर रहे 13 निर्दलीय और बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों को आगे करने की रणनीति बनाई है।