Phone Tapping Case: फोन टैपिंग मामले में अशोक गहलोत के ओएसडी को पूछताछ के लिए बुलाया

Rajasthan फोन टैपिंग मामला फिर गरमा गया है। इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को 24 जुलाई को सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है। इस संबंध में शर्मा को क्राइम ब्रांच का नोटिस मिला है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 02:26 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 03:59 PM (IST)
Phone Tapping Case: फोन टैपिंग मामले में अशोक गहलोत के ओएसडी को पूछताछ के लिए बुलाया
फोन टैपिंग मामले में अशोक गहलोत के ओएसडी को पूछताछ के लिए बुलाया। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान का फोन टैपिंग मामला फिर गरमा गया है। इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को 24 जुलाई को सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है। इस संबंध में शर्मा को क्राइम ब्रांच का नोटिस मिला है। इससे पहले सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने कोविड और स्वास्थ्य का हवाला देकर पूछताछ के लिए जाने से इनकार कर दिया था। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के परिवाद पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शर्मा और जोशी के खिलाफ 25 मार्च को मामला दर्ज किया था । शर्मा ने शेखावत द्वारा दर्ज करवाए गए परिवाद को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर छह अगस्त तक गिरफ्तार या अन्य कार्रवाई पर छूट मिली हुई है।

जानें, क्या है मामला

पिछले साल पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय सीएम गहलोत सहित कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे। इसमें शेखावत की भूमिका होने के आरोप लगाए गए थे। पिछले साल जुलाई में लोकेश शर्मा द्वारा तीन ऑडियो मीडियाकर्मियों को भेजे गए थे। जिनमें दो व्यक्तियों की बातचीत हो रही है। गहलोत सरकार और कांग्रेस ने दावा किया था कि यह आवाज शेखावत और पायलट खेमे के विधायक भंवर लाल शर्मा की है। इस बातचीत में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर आरोप लगाए गए थे। मुख्य सचेतक ने इस संबंध में एसओजी और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मामला दर्ज करवाया था। हालांकि बाद में कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद पायलट की बगावत शांत हो गई तो फोन टैपिंग मामला भी थंडा पड़ गया था। इसी बीच, इस साल 25 मार्च को शेखावत ने दिल्ली के तुगलक रोड पुलिस थाने में परिवाद पेश किया था, जिस पर एफआइआर दर्ज की गई थी। शेखावत ने बिना किसी अधिकारिक इजाजत के टेलीफोन टैप करवाने के आरोप लगाए गए थे। शेखावत ने खुद की छवि खराब करने का आरोप भी जोशी व शर्मा पर लगाया था। शेखावत द्वारा दर्ज करवाए गए परिवाद की जांच करते हुए ही शर्मा को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा के बजट सत्र में माना था कि टेलिफोन टैपिंग हुई थी। 

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