Rajasthan: अशोक गहलोत की राज्यपाल कलराज मिश्र से हुई मुलाकात ने बढ़ाई हलचल

Rajasthan राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से सोमवार को राजभवन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुलाकात की। राज्यपाल मिश्र से मुख्यमंत्री की यह शिष्टाचार भेंट थी। दोनों नेताओं के बीच कई मसलों पर बात हुई। हालांकि अभी तक इस संबंध में कुछ नहीं रहा जा सकता है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 03:46 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:51 PM (IST)
Rajasthan: अशोक गहलोत की राज्यपाल कलराज मिश्र से हुई मुलाकात ने बढ़ाई हलचल
कलराज मिश्र और अशोक गहलोत। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की तो राज्य की राजनीति में फिर हलचल मच गई। विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों में मंत्रिमंडल में फेरबदल व संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों को लेकर चर्चा होने लगी है। हालांकि राजभवन और मुख्यमंत्री सचिवालय ने इसे सामान्य मुलाकात बताया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि गहलोत ने किसान आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, मानवाधिकार आयोग सहित अन्य आयोगों में चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल से चर्चा की। सीएम ने राज्यपाल को बताया कि राज्य सरकार की तरफ से अगले कुछ दिनों इन आयोगों में नियुक्तियों को लेकर फाइल राजभवन में भेजी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर भी प्रारंभिक चर्चा राज्यपाल से की। अब अगले सप्ताह में मुख्यमंत्री का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। दिल्ली यात्रा के दौरान गहलोत कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर बातचीत करेंगे। अपनी पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान सीएम ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन के साथ राज्य के राजनीतिक मुदों को लेकर चर्चा की थी।

गौरतलब है कि गत माह कलराज मिश्र ने एडवोकेट वेलफेयर अमेंडमेंट विधेयक बदलाव करने के लिए अशोक गहलोत सरकार को लौटा दिया था। राज्यपाल ने सरकार को बार काउंसिल और वकीलों के विभिन्न संगठनों के विरोध का हवाला देते हुए विधेयक लौटाया है। राजभवन से विधेयक वापसी की सूचना विधानसभा में दी गई। विधानसभा अध्यक्ष डा. सीपी जोशी ने राज्यपाल का संदेश पढ़कर सुनाया। वहीं, राज्य के इतिहास में विधानसभा के बजट सत्र को जारी रखते हुए सदन की बैठक फिर बुलाई गई थी। बजट सत्र को पांच माह से ज्यादा जारी रखा गया। विधानसभा में सात मार्च,2020 को एडवोकेट वेलफेयर फंड अमेंडमेंट विधेयक पारित हुआ था। 24 मार्च को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया। इस विधेयक में वेलफेयर फंड में वकीलों से लिए जाने वाले पैसे को बढ़ाया था। लाइफटाइम सदस्यता को 17,500 से बढ़ाकर एक लाख किया गया था। वकालात नाम पर लगने वाली टिकट का पैसा बढ़ाकर जिला कोर्ट में 100 रुपये और हाईकोर्ट के लिए 200 रुपये करने का प्रावधान किया गया था। वकील इन दोनों प्रावधानों का विरोध कर रहे थे। 

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