अशोक गहलोत सरकार का यू टर्न, कोरोना महामारी संक्रमण फैलने से अब फिर होंगे एंटीजन टेस्ट
पिछले साल कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान अशोक गहलोत सरकार ने शुरू में तो एंटीजन टेस्ट कराए थे लेकिन बाद में इन्हे अविश्वसनीय बताते हुए रोक दिया था। अब जिस तेजी से संक्रमण फैला तो सरकार ने एक बार फिर एंटिजन टेस्ट को मंजूरी दी है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में फैलते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने अब आरटी-पीसीआर टेस्ट के साथ ही एंटीजन टेस्ट कराने का भी निर्णय लिया है। अब प्रदेश के 40 हजार गांवों में घर-घर सर्वे के दौरान कोरोना बीमारी जैसे लक्षण पाए जाने पर मौके पर ही सैंपल लेकर एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा। इसकी रिपोर्ट आधा घंटे में आ जाएगी और माैके पर ही साफ हो जाएगा कि जिस का टेस्ट किया गया है वह संक्रमित है या नहीं।
हालांकि पिछले साल कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान अशोक गहलोत सरकार ने शुरू में तो एंटीजन टेस्ट कराए थे, लेकिन बाद में इन्हे अविश्वसनीय बताते हुए रोक दिया था। उसके बाद से एंटीजन टेस्ट बंद हो गए थे। लेकिन अब प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पिछले तीन सप्ताह में जिस तेजी से संक्रमण फैला तो सरकार ने एक बार फिर एंटिजन टेस्ट को मंजूरी दी है।
दरअसल, आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे बाद आती है और एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट आधा घंटे में ही आ जाती है। एक बार खारिज करने के बाद वापस उसी टेस्ट की प्रक्रिया को अपनाने पर चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा का कहना है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट अधिक विश्वसनीय है, इस कारण एंटीजन टेस्ट बंद किया गया था। लेकिन घर-घर सर्वे में जल्द रिपोर्ट आ जाए इसको देखते हुए एंटीजन टेस्ट वापस शुरू किए गए हैं । इस टेस्ट की किसी रिपोर्ट पर आशंका हुई तो उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाएगा ।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल शर्मा ने ही कहा था कि एंटीजन टेस्ट की एक्यूरेसी केवल 5 फीसदी ही है। सरकार ने पिछले साल ऐसे एक लाख किट मंगवाए थे, जिनमें प्रत्येक की कीमत 600 रुपए थी। बाद में ये अनुपयोगी हो गए थे। अब फिर इन्हे उपयोग में लिया जा रहा है।