Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत और सचिन पायलट का विवाद चरम पर पहुंचा

Rajasthan Political Crisis अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया है। गहलोत समर्थक 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों ने बैठक कर सीएम के प्रति आस्था जताई। उधर पायलट खेमे ने भी जवाब दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:01 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:53 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत और सचिन पायलट का विवाद चरम पर पहुंचा
अशोक गहलोत और सचिन पायलट का विवाद चरम पर पहुंचा। फाइल फोटो

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया है। बुधवार को गहलोत समर्थक 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों ने बैठक कर सीएम के प्रति आस्था जताई। उन्होंने कहा कि राज्य में गहलोत की कांग्रेस है, उन्ही के कारण वे कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं। बैठक की अगुवाई करने वाले संयम लोढ़ा ने पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री नहीं बनने पर हार देखी है। इशारों ही इशारों में उन्होंने पायलट पर भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब सरकार गिराने की साजिश हुई तो धूल चटा देंगे।

उधर, पायलट खेमे पर निर्दलियों से हमला करवाने की गहलोत खेमे की रणनीति का जवाब निर्दलीय व बसपा विधायकों के सामने हारने वाले कांग्रेस के 19 में से 15 प्रत्याशियों ने दिया। इन प्रत्याशियों ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मुलाकात का समय मांगा है। उन्होंने पत्र में कहा कि ढाई साल से उनकी व कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। निर्दलीय व बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों की सिफारिश पर सरकार में काम हो रहे हैं। जबकि मूल कांग्रेसी अलग-थलग हैं। सरकारी कर्मचारियों के तबादलों,विकास कार्यों,पार्षदों के मनोनयन में इन विधायकों की ही चली। इनके कारण कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा खत्म हो रहा है।

गहलोत समर्थकों में भी सामने आए मतभेद

सीएम को समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों की बैठक पहले होटल जयपुर अशोक में होनी थी, लेकिन इस बैठक में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा के पहुंचने पर तीन निर्दलीय विधायकों ने नाराजगी जताई और वे उठकर चले गए। मामला बढ़ा तो गुढ़ा वहां से चले गए। बाद में बैठक का स्थान बदलकर सर्किट हाउस किया गया। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, ओमप्रकाश हुड़ला, राजकुमार गौड़, रमिला खादिया, सुरेश टांक, कांति मीणा, बाबूलाल नागर, रामकेश मीणा, लक्ष्मण मीणा, महादेव सिंह, आलोक बेनीवाल, खुशबीर सिंह बैठक में शामिल हुए।

एक ने पायलट को बताया बाहरी तो तीन ने कहा सबसे भारी

सीएम समर्थक निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने एक बयान में पायलट को बाहरी बताते हुए कहा कि सीएम को स्थानीय ही रहेगा। पायलट एक जाति के नेता हैं। उन्होंने कहा कि आलाकमान अगर ऐसे नेताओं को बढ़ावा देगा तो पार्टी का नुकसान होगा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का ज्यादा नुकसान तो पायलट ने ही किया। उनके आरोपों का पायलट समर्थक मुरारी लाल मीणा, पीआर मीणा और इंद्रराज गुर्जर ने जवाब देते हुए कहा कि पायलट के परिवार ने 42 साल से प्रदेश के लिए खून पसीना बहाया है। वे 36 कौम के नेता हैं। उन्होंने कहा कि पायलट बाहरी नहीं, भारी नेता हैं।

इन्होंने सोनिया को पत्र लिखा

गहलोत सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीयों व बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने वालों के सामने हारने वाले कांग्रेस प्रत्याशियों डॉ. आरसी यादव, मनीष यादव, सुभाष मील, राजेश अग्रवाल, दौलत सिंह मीणा, मुरारीलाल, दर्शन सिंह, जीवाराम, अशोक चांडक, कर्ण सिंह यादव, रितेश बैरवा, हिमांशु कटारा, भगवाना राम सैनी, सुनील शर्मा, अजय बोहरा ने पायलट में आस्था जताते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। 

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